सड़क न सेहत…अस्पताल पहुंचाने में निकल रहा पसीना…डोली से पार की 4 किमी चढ़ाई

डोली के बाद सीमांत के गांव दिगालीचौड़ से 23 किलोमीटर वाहन से महिला को लोहाघाट अस्पताल पहुंचाया
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। नेपाल सीमा से लगे लोहाघाट ब्लाॅक का गुमदेश क्षेत्र। इस क्षेत्र की चौडला ग्राम पंचायत का ढुंगाबोरा तोक। गांव की एक बुजुर्ग महिला की एकाएक तबीयत बिगड़ी। उन्हें अस्पताल लाने के लिए कंधों का आसरा। पहले डोली से खड़ी चढ़ाई लांघी गई और फिर वाहन से अस्पताल पहुंचाया जा सका। ये नौबत गांव में सड़क नहीं होने और क्षेत्र में इलाज की व्यवस्था न होने से है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग की है।
सपना चंपावत को उत्तराखंड का पहला MODEL DISTRICT बनाने का है, लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्रों के हालात इससे मेल नहीं खाते। गुमदेश क्षेत्र के ढुंगाबोरा तोक की दुर्गा देवी को अस्पताल पहुंचाने के लिए पापड़ बेलने पडे़। 15 दिसंबर को बीमार महिला को भारी मशक्कत के बीच डोली के सहारे 4 किमी की सीधी चढ़ाई को पार कर दूर दिगालीचौड़ लाया गया। हरीश सिंह अधिकारी, आन सिंह, राजेंद्र सिंह, निर्मल सिंह, मदन सिंह, केदार चंद्र, पूरन चंद्र आदि के कंधों के आसरे दिगालीचौड़ तक पहुंची बीमार महिला को फिर यहां से वाहन के जरिए 25 किलोमीटर दूर लोहाघाट के उप जिला अस्पताल पहुंचाया जा सका।
कांग्रेस के लोहाघाट नगर अध्यक्ष अमर सिंह कुटियाल का कहना है कि ढुंगाबोरा गांव तक सड़क नहीं होने का खामियाजा इस गांव सहित आसपास के कई ग्रामीण क्षेत्रों को भुगतना पड़ता है। गांव के लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। सड़क न होने से विकास में अड़चन आ रही है। असुविधा की वजह से पलायन बढ़ा है। इसके बावजूद गांव में तकरीबन 35 परिवार अभी भी रह रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के न पलायन रूकेगा न गांवों का विकास होगा।

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