हरिया-भरिया लूघाट मेरो…

देवीधार महोत्सव में बाल कवियों का जलवा

देवभूमि टुडे

चंपावत/लोहाघाट। लोहाघाट के देवीधार देवी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही हुए कवि महोत्सव में कवियों ने कई रंग बिखेरे। राज्य आंदोलनकारी व कर्मचारी नेता भूपेंद्र देव ताऊ के दिशा निर्देशन और आचार्य जीवन तिवारी के संचालन में बाल कवियों (शिवम, कुंदन, सागर, कृष, हिमांशु, नवनीत, अक्षत, उदिता, दीक्षा, मैत्री, तनवी) ने विविध विषयों पर बेहतरीन कविता पेश की।

नवनीत पांडेय ने-जल से जीवन, जल से उपवन, अमत देऊया ने- चल हो या अचल, देता हर जीव को ये आवरण, उदिता जोशी ने- हरिया-भरिया लूघाट मेरो, साफ स्फानों लूघाट मेरो, दीक्षा गिरी ने- देवें की ये भूमी ऐसी, जिसमें अनुभ स्वर्ग के जैसे, मैत्री कार्की ने- मत मारो तुम कोख में इसको इसे सुंदर जवा में आने दो,
कृष बोहरा ने- जाग्रत हो भारत का दुर्गे मैं तुझे जगाकर जाऊंगा, तन्वी गडकोटी ने- जो देवता का परम धाम है। जिस मि‌ट्टी को करता हर जीव प्रणाम है, कुंदन निष्ट ने- घर-घर की रौनक है बेटियांं, बेटे हैं हो हल्ला, शिवम चौहान ने- ना नर में कोई राम बचा, ना नारी कोई राम, हिमांशु अधिकारी ने- मर्यादा का मान बचाने, सुचिता जन-जन तक पहुंचाने- कविता पेश की। पाटन के शिक्षक जीवन चन्द्र तिवारी सहित कई लोग मौजूद थे। इस अवसर पर महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री जीवन मेहता, महासचिव प्रकाश चंद्र राय, मुख्य वक्ता नरेश राय, भैरव राय, संरक्षक प्रहलाद सिंह मेहता, ऑकलैंड विद्यालय लोहाघाट के शिक्षक मनोज पांडे, नरेश गिरि, विपिन तिवारी, युवा कवि गौरव बंसल ने सभी बाल कवियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरण कर प्रोत्साहित किया।

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