
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 185.20 करोड़ रुपये से बनने वाले शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण का शुभारंभ किया
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 185.20 करोड़ रुपये से बनने वाले शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण का शुभारंभ किया। टनकपुर शारदा घाट में 24 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि शारदा कॉरिडोर परियोजना हमारी आस्था, सांस्कृतिक, धरोहर और सतत विकास का केंद्र है। मुख्यमंत्री ने कहा शारदा कॉरिडोर का उद्देश्य बनबसा से माता रंकोची तक की घाटी को धर्म, प्रकृति और रोजगार के संगम के रूप में विकसित करना है। यह भूमि अब केवल आस्था का केंद्र नहीं रहेगी, बल्कि यहां के लोगों के जीवन में आर्थिक समृद्धि और अवसरों की नई धारा भी प्रवाहित होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि शारदा नदी के तट को पर्यावरण-संवेदनशील, स्वच्छ, सुरक्षित और आकर्षक स्वरूप देने के लिए शारदा घाट पुनर्विकास परियोजना के कार्य को प्रथम चरण के रूप में शुरू किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत सुरक्षित स्नान घाट, आरती स्थल, स्वच्छता एवं विश्राम की सुविधाएं, सुंदर घाट, सुगम पहुंच मार्ग, पैदल पथ, प्रकाश व्यवस्था और सौंदयीज़्करण कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि आरती स्थल अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीक से निर्मित होगा, जिसमें रेनवाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था और फ्लोर कूलिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। बाढ़ प्रतिरोधी संरचनाओं से नदी के प्रवाह को नियंत्रित कर आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना धार्मिक पर्यटन, स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में नई गति लाएगी। उन्होंने इसे सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से एक अद्वितीय मॉडल बताया, जो पूरे क्षेत्र के लिए विकास का प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शारदा कॉरिडोर परियोजना के कुछ क्षेत्र वन भूमि में आते हैं, जिनके भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया वन विभाग के साथ प्रगति पर है। यह परियोजना यूआईआईडीबी के माध्यम से संचालित की जा रही है। डांडा और चूका जैसे राजस्व भूमि वाले क्षेत्रों का हस्तांतरण भी शीघ्र पूरा किया जाएगा, जिससे कार्यों में देरी ना हो।
सीएम ने कहा कि पूर्णागिरि और माता रंकोची क्षेत्र, जो शारदा कॉरिडोर के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनेंगे, वहां श्रद्धा के साथ-साथ वन, जीव-जंतु और प्रकृति शिक्षा का अनुभव भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पर्यावरण-संवेदनशील विकास का उदाहरण बनेगा, जहां नदी की पवित्रता, हरियाली और प्रकृतिक संतुलन सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि शारदा कॉरिडोर का विकास जन-सहभागिता, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन के साथ किया जाएगा। हर निर्णय में स्थानीय नागरिकों की राय और भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
कार्यक्रम में उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय, दर्जा मंत्री शंकर कोरंगा, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंद सामंत, डीएम मनीष कुमार, एसपी अजय गणपति, सीडीओ डॉ. जीएस खाती, एडीएम कृष्णानाथ गोस्वामी अन्य जनप्रतिनिधि एवं नागरिक मौजूद थे।
185.20 करोड़ रुपये से बनेगा शारदा कॉरिडोर का पहला चरण:
185.20 करोड़ रुपये से बनने वाले शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत किरोड़ा नाला पारिस्थितिक कॉरिडोर (109.57 करोड़) क्षेत्र की जैव विविधता संरक्षण और आपदा प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने हेतु पारिस्थितिक कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा। सिटी ड्रेनेज योजना चरण 1 (62.11 करोड़): शहरी जल निकासी प्रणाली को सुदृढ़ कर बाढ़ की घटनाओं में कमी और वषाज़् जल प्रबंधन को व्यवस्थित किया जाएगा। थाक गांव तक वैकल्पिक मार्ग (5.34 करोड़)- कॉर्बेट के अंतिम शिकार मार्ग के रूप में प्रसिद्ध यह मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और सुगम पहुंच मार्ग बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त कई अन्य कार्य भी इसमें शामिल हैं।





