अब तक चार हजार ने की वापसी, 20 मई की शाम से अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था बंद
देवभूमि टुडे
चारधाम। चारधाम की सुगम यात्रा के लिए शासन-प्रशासन के प्रयास रंग नहीं ला पा रही हैं। तीर्थयात्रा के लिए आए कई श्रद्धालु धामों के दर्शन किए बिना ही घरों को लौटने लगे हैं। प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी शुरू की, लेकिन अब तक करीब चार हजार तीर्थयात्री ऋषिकेश से घर लौट गए। लौटने वाले तीर्थयात्रियों का कहना था कि उत्तराखंड में पहुंचने के बाद भी धामों के दर्शन न कर पाना दुर्भाग्य है। यह उनके जीवन के सबसे बुरे अनुभव में से है। ये लोग अस्थायी पंजीकरण के लिए रोके गए थे, लेकिन अब ये व्यवस्था भी बंद कर दी गई है।
ऑफलाइन पंजीकरण बंद होने पर ऋषिकेश में रोके गए करीब 12 हजार तीर्थयात्रियों को धामों के दर्शन कराने के लिए प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था की। प्रशासन की योजना थी कि अस्थायी पंजीकरण कर इन यात्रियों को धामों के लिए रवाना किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया। 20 मई की शाम प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी बंद कर दी। ट्रांजिट कैंप प्रशासन के मुताबिक 12 हजार के सापेक्ष छह हजार यात्रियों का ही अस्थायी पंजीकरण कराया जा सका। शेष छह हजार में से करीब चार हजार तीर्थयात्री बिना दर्शन लौट गए हैं। दो हजार से अधिक तीर्थयात्री अब भी ट्रांजिट कैंप परिसर व धर्मशालाओं में ठहरे हैं। चारधाम यात्रा प्रबंधन के विशेष कार्याधिकारी एनएस क्वीरियाल के मुताबिक अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी बंद कर दी गई है। क्या बेहतर किया जा सकता है इसके लिए उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है।