


विभिन्न गांवों से पहुंचे जत्थों ने की मंदिर की परिक्रमा
रथ यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालु
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। नेपाल से लगे गुमदेश क्षेत्र के नामी चैतोला मेले में सोमवार को जयकारे के साथ चमू देवता की रथ यात्रा निकाली। रथ में सवार चमू देवता के धामी राहुल धामी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया। रथ के साथ चल रहे जत्थों और पीछे चल रही महिलाओं ने चमू देवता की वीरगाथा पर आधारित गीत गाए।
अपरान्ह तीन बजे पूजा-अर्चना के बाद मड़ गांव से चमू देवता के रथ को कंधों व रस्सों के सहारे चमदेवल के चमू देवता मंदिर लाया गया। श्रद्धालुओं ने विषम रास्तों को पार करते हुए रस्सों के सहारे रथ को खींचा। रथ के मंदिर में प्रवेश करते ही आसपास का क्षेत्र खचाखच भर गया और गगनभेदी जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो गया। देव डांगरों ने श्रद्धालुओं को चंवर गाय की पूंछ हिलाकर आशीर्वाद दिया। मेले में बरेली, पीलीभीत, मुरादाबाद, चंपावत, पिथौरागढ़, टनकपुर, अल्मोड़ा, नैनीताल, हल्द्वानी, लोहाघाट व नेपाल से भी श्रद्धालु और व्यापारी पहुंचे हुए थे। मेले में भारी भीड़ के चलते यहां पहुंचे व्यवसायियों की भी जमकर बिक्री हुई। देर शाम तक चमू देवता के दर्शनों के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई थी। मेले को शांतिपूर्वक कराने में पीएसी व पुलिस जवानों के साथ स्थानीय युवाओं ने महत्वपूर्ण सहयोग किया। इस दौरान विभिन्न गांवों से निकले जत्थों ने चार चांद लगा दिए।
जत्थों में शामिल लोग नगाड़ों के बाजे में हाथों में डंडे व छडिय़ां लेकर उछलते हुए नृत्य कर रहे थे। पुल्ला, पोखरी, गुरेली, मडलक तथा जाख जिंडी, सिलिंग, चौपता, न्योल टुकरा व बसकुनी आदि गांवों के जत्थे आए। एसडीएम नीतेश डांगर, भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह सामंत, भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहित पाठक, सामाजिक कार्यकर्ता हरगोविंद बोहरा, ललित खोलिया आदि मेले में पहुंचे हुए थे। मेला समिति के अध्यक्ष खुशाल सिंह ने गोविंद सिंह सामंत, हरगोविंद बोहरा, मोहित पाठक, ललित खोलिया सहित तमाम अतिथियों का स्वागत किया। हरगोविंद बोहरा ने देवडांगरों, पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया। पुरोहित शंकर दत्त पांडेय, चंद्रशेखर कलौनी, कीर्ति कलौनी, मदन कलौनी, हरीश कलौनी ने पूजा कराई। मुख्य मेले के दौरान माधो सिंह अधिकारी, कल्याण सिंह धौनी, नरसिंह धौनी, मानसिंह, राम सिंह, गुमान सिंह, युगल किशोर धौनी, अनुराग पांडेय, भास्कर पांडेय, डुंगर सिंह, हर सिंह, गोपाल सिंह, हयात सिंह, कुंदन सिंह पाटनी, हरक सिंह भंडारी, लक्ष्मण सिंह भंडारी आदि मौजूद थे।





