चंपावत के वीरेंद्र की वीरता…एवरेस्ट पर 2 अन्य साथियों के साथ लहराया तिरंगा

18 मई की सुबह 4:46 बजे एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा और NCC का झंडा फहराया
देहरादून से BSc कर रहे बड़ोली ग्राम पंचायत के पड़ंगा निवासी वीरेंद्र सिंह सामंत
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत के वीरेंद्र सिंह सामंत ने माउंट एवरेस्ट विजित करने का गौरव हासिल किया है। पड़ोसी पिथौरागढ़ जिले के बाद अब चंपावत जिले के किसी नौजवान ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराया है।
चंपावत से करीब 24 किलोमीटर दूर बड़ोली ग्राम पंचायत के पड़ंगा निवासी वीरेंद्र सिंह सामंत (20) ने 8849 मीटर ऊंची एवरेस्ट की चोटी को फतह कर इतिहास बनाया है। कैडेट वीरेन्द्र सामंत के अलावा एवरेस्ट को विजित करने वालों में पौड़ी के मुकुल बंगवाल और उत्तरकाशी के सचिन कुमार भी शामिल थे।
3 अप्रैल को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और CDS अनिल चौहान ने इंडिया की NCC टीम को फ्लैग किया। टीम 5 अप्रैल को काठमांडो से और 10 अप्रैल को बेस कैंप के लिए रवाना हुई। 17 मई की सुबह 6 बजे टीम एवरेस्ट फतह करने निकली। 18 मई की सुबह 4:46 बजे एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा और NCC का झंडा फहराया गया। कैडेट वीरेंद्र सिंह सामंत का कहना है कि यह सिर्फ उनकी नहीं, हर उस युवा की जीत है जो सपने देखने का साहस रखता है।

कड़ी मेहनत का नतीजा है एवरेस्ट फतह:
एवरेस्ट विजेता वीरेंद्र के मुताबिक जुलाई 2024 से एवरेस्ट अभियान की कवायद शुरू हो गई थी। राज्य स्तरीय परीक्षा के बाद राष्ट्रीय स्तर में चयन हुआ। इसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों के कैडेट को चुना गया। फिर उनका चयन अभियान के लिए बेसिक माउंटेन कोर्स के लिए हुआ। शिक्षक पिता राजेंद्र सिंह सामंत और ग्रहणी मां ईश्वरी जोशी के बेटे वीरेंद्र देहरादून से BSC कर रहे हैं। इस उपलब्धि से चंपावत के खटकना क्षेत्र में रह रहा परिवार गदगद है।

एवरेस्ट विजेता वीरेंद्र सिंह सामंत।
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