भोजनमाताएं बोलीं…3 हजार के बजाय मिले 9 हजार रुपये मानदेय

चंपावत जिले के 655 विद्यालयों में 862 भोजनमाताएं दे रही हैं सेवाएं
1 साल में 11 माह के मानदेय के अलावा हर साल प्रोत्साहन राशि और वर्दी के लिए 2 हजार रुपये
देवभूमि टुडे
चंपावत। भोजनमाताओं ने मानदेय में बढ़ोत्तरी की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा है। भोजनमाताओं का कहना है कि लंबे समय से काम करने के बावजूद उनकी अनदेखी हो रही है। उन्हें सिर्फ 3 हजार रुपये महीने मानदेय दिया जा रहा है। साथ ही पूरे एक साल के बजाय 11 महीने का ही मानदेय मिलता है। काम के सापेक्ष मानदेय कम है। चंचला देवी, विमला देवी, रूकमणि, लक्ष्मी, जानकी देवी, हीरा देवी, माया देवी सहित कई भोजनमाताओं ने सरकार से 3 हजार रुपये मानदेय को बढ़ाकर 9 हजार करने और 11 माह के बजाय पूरे साल का मानदेय देने की मांग की है।
चंपावत जिले के मध्यान्ह भोजन योजना प्रभारी मनीष गहतोड़ी ने बताया कि जिले के 655 विद्यालयों के आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को एमडीएम योजना का लाभ मिलता है। इसके लिए 862 भोजनमाताएं सेवारत हैं। इन भोजनमाताओं को 11 महीने के मानदेय के अलावा वर्ष में एक बार प्रोत्साहन राशि के रूप में 1 हजार रुपये और वर्दी के लिए 1 हजार रुपये दिया जाता है।

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