


वनाग्नि से निपटने के लिए उत्तराखंड के पांच अन्य जिलों के साथ चंपावत में हुई MOCK DRILL
खतरे की जद में आए 7 घरों के 18 लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया
देवभूमि टुडे
चंपावत/पाटी। चंपावत जिले में वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल किया गया। चंपावत के अलावा अल्मोड़ा, देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी और टिहरी जिले में आज 13 फरवरी को मॉक ड्रिल की गई। चंपावत में सुबह सवा आठ बजे जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में वनाग्नि की घटना की जानकारी प्राप्त होते ही डीएम नवनीत पांडे और (आईआरएस) इंसीडेंट रिस्पांस टीम के अधिकारी तत्काल जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंच आपदा प्रबंधन, वन विभाग सहित विभिन्न टीमों को मौके पर भेजा।
प्राथमिक सूचना के अनुसार जिला मुख्यालय के लमाई और तहसील पाटी के धूनाघाट में वनाग्नि लगी हुई थी। मॉक ड्रिल के तहत स्टेजिंग एरिया गोरलचौड़ मैदान को बनाया गया, जहां से राहत टीम घटना स्थल को रवाना हुई। मॉक अभ्यास में प्रथम चरण में एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, अग्रिशमन विभाग, पुलिस, लोनिवि, स्वास्थ्य, सूचना विभाग सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों ने बैठक कर मॉक अभ्यास की रूपरेखा तैयार की। दूसरे चरण में वनाग्नि स्थलों में मौका अभ्यास किया गया।
लमाई पुनेठी में घटनास्थल के पास खतरे की जद में आए 7 घर, 1 मंदिर और 2 गौशालाओं के अलावा कुल 18 लोगों को राहत केंद्रों में भेजा गया। जिसमें से 2 महिला, 3 पुरुष वनाग्नि से प्रभावित हुए। अधिक गंभीर एक पुरुष को प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। दो पशु (एक बछड़ा एवं एक बकरा) भी घायल हुए, जिन्हें पशुपालन विभाग की टीम ने प्राथमिक इलाज दिया। वनाग्नि की रोकथाम को घटनास्थल के 400 मीटर दाईं और 500 मीटर बाई ओर एवं मुख्य मार्ग की ओर 200 मीटर की फायर लाइन बनाई गई। वहीं धूनाघाट में जंगल में लगी आग में दो बकरियां झुलसी है और दो ग्रामीण अधिक घायल एवं आठ ग्रामीण, एक वनकमीज़् साधारण घायल हुए। एसडीआरएफ टीम ने घायलों को रेस्क्यू किया गया। पशु पालन विभाग ने दो बकरियों का प्राथमिक उपचार किया।
वीसी के जरिए सीएम ने ली हालात की जानकारी:
चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिले में वनाग्नि मॉक ड्रिल की जानकारी हासिल की। डीएम नवनीत पांडे ने मॉक ड्रिल के अंतर्गत जिले में घटना का ब्योरा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वनाग्नि एक चुनौती के रूप में उभरी है। जिसमें मानव पशु एवं पारिस्थितिकी की क्षति होती है। कहा कि वैसे तो कोई भी आपदा बिना किसी सूचना के आती है इसलिए हमें फायर सीजन में हर वक्त घंटे सतर्क एवं अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है। 15 फरवरी से शुरू फायर सीजन से पहले ही तैयारियों को परखने के लिए आज जो मॉक ड्रिल की गई हैं, उससे यकीनन फायर सीजन में वनाग्नि की रोकथाम में सहायता मिलेगी।
मॉक ड्रिल में ये अधिकारी रहे मौजूद:
चंपावत। मॉक ड्रिल के दौरान जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में एसपी अजय गणपति, डीएफओ नवीन पंत, सीडीओ संजय कुमार सिंह, एडीएम जयवर्धन शर्मा, सेना से मेजर आकाश दुबे, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वसुंधरा गर्ब्याल सहित आईआरएस के नामित अधिकारी, घटनास्थल पर धूनाघाट इंसिडेंट कमांडर एसडीएम नितेश डांगर, चंपावत में तहसीलदार जगदीश नेगी, शीतलाखेत मॉडल के प्रणेता गजेंद्र पाठक, डीडीएमओ देवेंद्र पटवाल के अलावा एसडीआरएफ, वन, अनिश्मन, पुलिस, स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।









