चंपावत जिले के सील गांव का मामला, लोहाघाट अस्पताल पहुंचने से पूर्व हुआ शिशु का जन्म, 8 किलोमीटर पैदल दूरी तय करने में लग गया दो घंटे से अधिक समय, पहले आदर्श जिले चंपावत को सेहत के आदर्श का इंतजार
देवभूमि टुडे
चंपावत। उत्तराखंड के पहले आदर्श जिले चंपावत को सेहत के आदर्श का इंतजार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्वाचन क्षेत्र वाले इस जिले के दूरस्थ इलाके की गर्भवती महिला को डोली के सहारे लाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पूर्व महिला ने एंबुलेंस में नवजात को जन्म दिया। बहरहाल अब अस्पताल में भर्ती जच्चा व बच्चा स्वस्थ है।
बाराकोट के सील गांव के गोविंद सिंह की पत्नी कमला देवी को 11 मई को प्रसव पीड़ा हुई।ग्रामीणों की मदद से गर्भवती महिला को डोली के सहारे खड़ी चढ़ाई व खतरनाक पैदल रास्तों को पार कर 8 किलोमीटर दूर पातल तक लाया गया। इस फासले को तय करने में दो घंटे से अधिक समय लगा। आशा वर्कर निर्मला ने बताया कि पातल गांव से गर्भवती महिला को आपात सेवा 108 से लोहाघाट उप जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने से 3 किमी पहले कमला को तीव्र प्रसव पीड़ा होने लगी। रास्ते में शंखपाल गांव के पास एंबुलेंस में ही कमला देवी का प्रसव हो गया। कमला ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद महिला को लोहाघाट के अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां दोनों की हालत ठीक है। वहीं गांव के लोगों का कहना है कि सड़क और दूसरी सुविधाओं की कमी ने लोगों की जिंदगी को दुष्कर बना दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री ने दो साल पहले सड़क का ऐलान किया था, लेकिन इसके बावजूद अभी सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। वहीं बाराकोट की ब्लाँक प्रमुख विनीता फर्त्याल का कहना है कि इस सड़क की अड़चनों को जल्द से जल्द दूर कराया जाएगा।