फैक्टरी के शोर से उड़ा दिन का चैन और रात की नींद…डॉक्टरों ने दिया ज्ञापन

बैचेन कर रहा है चाय फैक्टरी का कोलाहल
जिला अस्पताल के पास की चाय फैक्टरी में पहली अप्रैल से पत्तियों से चाय बनाना हो रहा शुरू
इसी साल शुरू होनी है न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट
देवभूमि टुडे
चंपावत। चाय फैक्टरी के शोर से आसपास के लोगों की रात की नींद और दिन का चैन गायब है। इसी फैक्टरी के करीब स्थित जिला अस्पताल के परिसर में स्थित आवासीय ब्लॉक में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल का रहना मुश्किल हो रहा है। इससे परेशान चिकित्सक और पैरा मेडिकल कर्मियों ने जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्साधीक्षक और मुख्य चिकित्साधीक्षक को ज्ञापन दे इस दिक्कत से निजात दिलाने की मांग की है।
डीएच से लगी चाय फैक्टरी में पहली अप्रैल से पत्तियों से चाय की प्रोसेसिंग का काम शुरू हुआ। और इसी के साथ शुरू हुआ फैक्टरी से होने वाला कोलाहल। परेशान चिकित्सक और पैरा मेडिकल कर्मियों का कहना है कि इस शोर से उनकी सामान्य दिनचर्या प्रभावित हो रही है। बुजुर्ग लोगों की बैचेनी औरछोटे बच्चों को दिक्कत बढऩे से बीमारी का अंदेशा बढ़ रहा है। साथ ही इसी फैक्टरी के नजदीक एनबीएसयू (न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट) का भी अगले कुछ महीनों में संचालन होना है। लिहाजा इस फैक्टरी को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट होने तक ध्वनि प्रदूषण से बचाव के पुख्ता उपाय किए जाएं। ज्ञापन में डॉ. अजय कुमार, डॉ. एनएस चौहान, डॉ. बैंकटेश द्विवेदी, बबीता खंपा, सपना खंपा, पल्लवी कुंवर सहित जिला अस्पताल के कई पैरा मेडिकल कर्मियों के हस्ताक्षर हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ये दिक्कत पिछले साल भी थी। तब मौखिक रूप से ये बात चाय फैक्टरी प्रबंधन को बताई गई थी। फैक्टरी की ओर से दूसरी जगह जमीन आवंटन और जल्द ही फैक्टरी को दूसरी जगह ले जाने की बात कही गई थी।
सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल और पीएमएस डॉ. पीएस खोलिया का कहना है कि इस प्रकरण का जल्द समाधान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं चाय विकास बोर्ड के प्रबंधक राकेश कुमार का कहना है कि फैक्टरी शाम सात बजे बाद बंद हो जाती है। दूसरी जगह जमीन का आवंटन होने पर फैक्टरी को शिफ्ट कर दिया जाएगा।


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