इंसानी अस्तित्व के लिए जरूरी है जैव विविधता…जंगल हैं तभी जल है, जंगल हैं तभी जीवन

पूर्णागिरि क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर ग्राम प्रधान मंजू पांडेय की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी

देवभूमि टुडे

चंपावत। बूम के डिप्टी रेंजर रवींद्र लाल ने कहा कि हरेभरे वनों पर ही इंसान का अस्तित्व आश्रित है। चंपावत वन प्रभाग के अंतर्गत पूर्णागिरि वन बीट क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर 22 मई को ग्राम प्रधान मंजू पांडेय की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी में उन्होंने कहा कि वनों और वन्य जीवों को बचा कर ही जैव विविधता संरक्षित की जा सकती है। इसी से प्रकृति और पर्यावरण का संतुलन संभव है।

गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि जंगल है तभी जल है, जंगल है तभी जीवन है। जंगलों को आग और अन्य खतरों से बचाने का संकल्प लिया गया। गोष्ठी में पंडित मोहन चंद्र पांडेय, पंडित मनोज पांडेय, महेश चंद्र पांडेय, हरीश चंद्र पांडेय, नेत्र बल्लभ पांडेय, हर्ष कश्यप, खीमानंद, सूरज, दिनेश, नारायणी देवी, जनार्दन, पूर्व प्रधान भावना देवी, किस देवी, सरिता पांडेय, गीता देवी के अलावा वन बीट अधिकारी मोहन सिंह धामी, राकेश गिरी, भरत सिह आदि मौजूद थे।

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