‘ग्रामीण डाक कर्मी हैं ग्रामीण डाक व्यवस्था की रीढ़…फिर भी हो रही अनदेखी’

अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ का टनकपुर में द्विवार्षिक प्रांतीय अधिवेशन पूरे उत्तराखंड में लागू हो hard & risk allowence, अधिवेशन में डाक कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान को उठी आवाज
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। AIGDSU ( अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ) ने डाक कर्मियों के नियमितिकरण की मुखरता से आवाज उठाई है। 7 नवंबर को टनकपुर में हुए द्विवार्षिक प्रांतीय अधिवेशन में AIGDSU के राष्ट्रीय अध्यक्ष वैंकटेश्वर, राष्ट्रीय महामत्री एसएस महोदेवया, राष्ट्रीय सहायक कोषाध्यक्ष चरण सिंह बिष्ट और जम्मू कश्मीर के सचिव केके शर्मा ने कहा कि वर्षों से पूरी तन्मयता से जिम्मेदारी निभाने और ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों की डाक व्यवस्था को संवारने के बावजूद डाक कर्मियों की निरंतर अनदेखी हो रही है। वक्ताओं ने hard & risk allowence देने की संस्तुति को उत्तराखंड के सभी जिलों में लागू किया जाए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी भूपेंद्र प्रकाश जोशी, धनंजय चौड़ाकोटी के अलावा AIGDSU के पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
ग्रामीण डाक सेवक संघ के परिमंडल के सचिव जगदीश रावत और राजपाल सिंह नेगी ने कार्यक्रम की सिलसिलेवार जानकारी दी। बैठक में द्विवार्षिक कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत गई। ग्रामीण डाक सेवकों की समस्याओं पर मंथन के अलावा संगठनात्मक गतिविधियों, मंडलीय एवं परिमंडल स्तर की समस्याओं पर चर्चा, आय-व्यय की रिपोर्ट, अनुमोदन पर चर्चा, परिमंडल कार्यकारिणी का पुनर्गठन पर विचार विमर्श किया गया। ग्रामीण डाक सेवकों पर नए कार्यभार के दबाव से निजात दिलाने पर जोर दिया गया। अधिवेशन में सहायक मंत्री आनंद सिंह रावत, उप कोषाध्यक्ष नागेंद्र सिंह, जय गिरी गोस्वामी, राकेश चंद सेमवाल, नंदकिशोर डोबाल, चरण सिंह बिष्ट, देवेंद्र चंदोला, भोपाल सिंह, राम सिंह बिष्ट, अमर सिंह, सुरेश सिंह बिष्ट, रमेश चंद्र पांडे, ललित सिंह, गौरव सिंह सहित आदि लोग मौजूद थे।

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