‘बाटनागाड़ के मलबे का हो भू-कटाव वाले गांवों में उपयोग’

चंपावत के DM मनीष कुमार को सामाजिक कार्यकर्ता आनंद महर ने दिया ज्ञापन
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागाड़ में आए मलबे का भू-कटाव वाले स्थान पर उपयोग करने की मांग की गई है। इसे लेकर 25 जून को सामाजिक कार्यकर्ता आनंद सिंह महर के नेतृत्व में DM मनीष कुमार के माध्यम से उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है।
आनंद सिंह महर ने कहा कि बाटनागाड़ मार्ग पर बरसात में भारी मलबे से अक्सर रोड बंद हो रही है। इसी मानसूनी सीजन में इसी स्थान पर पहले 11 दिनों में 3 दिन से अधिक सड़क बंद हो चुकी है। ये मलबा बाटनागाड़ के ऊपरी पहाड़ी पर भूगर्भीय हलचल से पहाड़ के दरकने से आ रहा है। वहीं बाटनागाड़ नाले से लगी ऊचौलीगोठ ग्राम पंचायत शारदा नदी के भू-कटाव के खतरे में है। पिछले कई वर्षों में भू-कटाव से काफी जमीन क्षेत्र के किसानों की कट चुकी है। और ये खतरा लगातार बनी हुई है। आनंद सिंह महर ने कहा कि इससे बचने के लिए बाटनागाड़ के मलबे का उपयोग करने का आग्रह किया है। ज्ञापन में केदार सिंह, सुरेश सिंह, सुंदर सिंह, सूरज, नवीन सिंह, प्रताप सिंह, हेमा महर, श्याम सिंह, भवान सिंह, डूंगर सिंह, कमला देवी आदि के हस्ताक्षर हैं।

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