

तंबाकू के खिलाफ मुखर आवाज हैं जनकवि प्रकाश जोशी शूल की कविताएं
देवभूमि टुडे
चंपावत। नशे के खिलाफ सरकारी और गैर सरकारी दोनों स्तरों से पहल की जा रही है। इन सामूहिक प्रयासों के बीच एक मुखर आवाज है जन कवि प्रकाश जोशी शूल। वे वर्ष 1991 से नशाखोरी के खिलाफ विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक करते रहे हैं। कुमाऊंनी पुस्तक झन पियो शराब की लोकप्रिय कविता के जरिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उनका ये अभियान भी अनवरत जारी है। आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर उनकी ये कविता मौजूं है।
मत खाओ मत पिओ तंबाकू, करता है यह शरीर का नाश, करता है यह शरीर का नाश।
दिखाता है राह रोगों को यह, व्यक्ति को निज चंगुल में फांस, कांतिहीन होती है काया।
होती विनष्ट मेहनत की माया, जीवन भर वह उबर ना पाया। पड़ी जिस पर भी तंबाकू की छाया।
कहता है विज्ञान हमारा शूल, तंबाकू से होता है कैंसर। तो आइए! आज से ही लगा देंं इसके सेवन पर ही सैंसर।
प्रकाश चंद्र जोशी शूल
संयोजक, नशामुक्त परिवेश एवं स्वच्छ पर्यावरण…एक अभियान।

