कहीं खुशी कहीं गम…इधर बेटी की डोली उठी और उधर पिता की अर्थी

चंपावत जिले के लोहाघाट सुंई पऊ गांव की घटना
अस्पताल में मृत पिता की खबर विवाह की रस्म पूरा होने के बाद दी गई
मृतक दीपक चंद्र जोशी के भाई प्रकाश जोशी ने निभाई कन्यादान की रस्म
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। एक ही घर की ये दो घटनाएं जीवन के अंतर्विरोध को दर्शाती है। चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में एक परिवार में बेटी की डोली उठने के चंद घंटों बाद पिता की अर्थी उठ गई। चंद पल पहले परिवार में बेटी को विदा करने से नम आंखें पिता को अंतिम विदाई देते वक्त दहाड़े मारने लगी। 29 अप्रैल को गमगीन माहौल में रामेश्वर घाट में उनका अंतिम संस्कार हुआ।
लोहाघाट विकासखंड के सुंई पऊ ग्राम पंचायत के सिमला तोक के दीपक चंद्र जोशी (53) की सबसे छोटी बेटी सुनीता की 28 अप्रैल को शादी थी। विवाद के सभी संस्कार हुए और परिवार ने अपनी लाडली को पूरे लाड़ के साथ उसके ससुराल देवीधुरा विदा भी किया। लेकिन इसके बाद घर में मातम पसर गया। ये गमगीन माहौल पिछले कुछ समय से बीमार दीपक चंद्र जोशी की एकाएक मौत से उपजा।
हुआ यह कि विवाह से एक दिन पहले यानी 27 अप्रैल की रात को दीपक चंद्र जोशी की तबियत बिगड़ी। उन्हें लोहाघाट के उप जिला अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें यहां से चंपावत जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन यहां पहुंचने से पूर्व ही 28 अप्रैल को उन्होंने दम तोड़ दिया। विवाह में कोई व्यवधान हो, इसके लिए दीपक चंद्र जोशी के पार्थिव शरीर को अस्पताल में ही रखा गया। उनके निधन की खबर भी शादी की रस्में पूरी होने के बाद दी गई। दीपक चंद्र जोशी के भाई प्रकाश चंद्र जोशी ने कन्यादान की रस्म निभाई। मृतक दीपक की तीन बेटियां और दो बेटे हैं।

दीपक चंद्र जोशी (फाइल फोटो)
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