प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती निरस्त करने की मांग को कर रहे है आंदोलन
चंपावत जिले के 105 राजकीय हाईस्कूल, जीआईसी और जीजीआईसी में पढ़ाई प्रभावित
देवभूमि टुडे
चंपावत। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती निरस्त करने और शत-प्रतिशत पद पदोन्नति वरिष्ठ शिक्षकों से करने की मांग को लेकर 2 सितंबर को राजकीय शिक्षक संघ प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर जिले के प्रवक्ता और एलटी शिक्षकों ने आंदोलन के पहले चरण में जिले के सभी 105 विद्यालयों में चाक डाउन कर शिक्षण कार्य का बहिष्कार किया। उन्होंने मांग पूरी न होने पर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की चेतावनी दी। राजकीय शिक्षक जिला अध्यक्ष जगदीश सिंह अधिकारी और जिला मंत्री इंदुवर जोशी ने दावा किया कि चाक डाउन चंपावत जिले में पूर्ण रूप से सफल रहा। जिले में 99% शिक्षक शिक्षण कार्य से विरत रहे। शिक्षकों ने नारेबाजी कर शिक्षण और अन्य कार्यों का बहिष्कार करते हुए इस कार्यक्रम में शिरकत की। टनकपुर, चंपावत, लोहाघाट, पाटी, बाराकोट तहसील सहित सभी स्कूलों में शिक्षण कार्य पूर्णता बाधित रहा। सरकार ने शिक्षकों की इच्छा के खिलाफ 692 पदों पर सीधी भर्ती लाई है। इस सीधी भर्ती की 29 सितंबर को परीक्षा होनी है। इससे प्रदेश में कार्यरत 28 हजार से अधिक शिक्षकों का भविष्य बाधित होना है।
चंपावत ब्लॉक अध्यक्ष विनोद गहतोड़ी, मंत्री मुकेश वर्मा, लोहाघाट ब्लॉक अध्यक्ष दीपक अधिकारी, मंत्री गोविंद मेहता, पाटी ब्लॉक अध्यक्ष खुशाल सिंह रावत, मंत्री गिरीश भट्ट, बाराकोट ब्लॉक अध्यक्ष प्रकाश उपाध्याय, मंत्री रितेश वर्मा, टनकपुर से रवि बगौटी, पल्लव जोशी, शिक्षिका हीरा भट्ट, कल्पना आर्य, बबीता सिंह, सुमन पांडे, ज्योति, कमल गहतोड़ी आदि के नेतृत्व में जिले के सभी शाखाओं के अध्यक्ष, मंत्री और ब्लॉक और जिला स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में शिक्षकों ने आंदोलन किया।
चाक डाउन के बाद शिक्षकों के आंदोलन का ये है कार्यक्रम:
- 5 सितंबर: शिक्षक दिवस पर शिक्षक काला फीता बांध विरोध जताएंगे।
- 6 सितंबर: प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षक आकस्मिक अवकाश लेकर अपने-अपने जिलों के मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में धरना देंगे।
- 9 सितंबर: शिक्षा निदेशालय में मंडल और प्रांतीय पदाधिकारी धरना देंगे।
- 10 सितंबर से 13 सितंबर तक: जिलेवार क्रमिक अनशन शुरू होगा। चंपावत जिले के शिक्षक 12 सितंबर को अनशन करेंगे।
- 14 सितंबर से आमरण अनशन शुरू होगा।