खुद तो प्यासे हैं दूसरों को बांट रहे पानी…लोगों में आक्रोश

चंपावत की क्वैराला पेयजल योजना से शहर से बाहर भेजा जा रहा पानी
चंपावत शहर को रोजाना 25 लाख लीटर के बजाय 15 लाख लीटर ही मिल रहा पानी
देवभूमि टुडे
चंपावत। जल दान सबसे बड़े दान में से एक है। लेकिन बाजारवाद के दौर में यह सूत्र वाक्य सच से दूर हो रहा है। लोगों को न तो निशुल्क पानी मिल रहा है और न पर्याप्त पानी। ऐसे में अगर कोई आपके शहर से पानी ले जाए, तो लोगों की नाराजगी को खारिज भी नहीं किया जा सकता। मामला चंपावत की क्वैराला पंपिंग योजना का है। नागरिकों का आरोप है कि यहां के पानी से शहर के लोगों की तो प्यास नहीं बुझ रही है, उल्टा इसी योजना के पानी को दूसरे शहर भी भेजा जा रहा है।
32 डिग्री सेल्सियस से अधिक पारा, भीषण गर्मी और बारिश की दूर-दूर तक कोई आहट नहीं। ऐसी आबोहवा के बीच जिला मुख्यालय चंपावत के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। न तो पर्याप्त पानी मिल रहा है और नहीं रोज। चंपावत शहरी क्षेत्र को रोजाना 25 लाख लीटर से अधिक पानी चाहिए लेकिन मिल रहा है महज 15 लाख लीटर। सितंबर 2022 से क्वैराला पंपिंग योजना से पानी मिलना शुरू हुआ, तो पानी की कमी नहीं होने की आस जगी। इसकी वजह भी थी। 30 करोड़ रुपये से अधिक से बनी योजना का डिजाइन चंपावत शहरी क्षेत्र के लिए अगले दो दशक के हिसाब से करने का दावा किया गया था। योजना का आंशिक लाभ मिला भी, लेकिन यह योजना गर्मियों में पानी की कमी पूरी नहीं कर सकी। और अब इस माह के शुरू से क्वैराला की इस योजना के सूचना कार्यालय के पास के टैंक से पिकअप के जरिए दूसरे शहर पानी भेजे जाने से चंपावत में किल्लत बढ़ गई।
18 जून को भाजपा मीडिया प्रभारी सूरज प्रहरी, रोशन लाल आदि ने टैंक से पानी निकाल दूसरे शहर ले जाते देखा, तो उनका पारा चढ़ गया। पानी भरने वालों से पूछताछ की, लेकिन कोई माकूल जवाब नहीं मिला। बस इतनी भर जानकारी मिली कि ये पानी चंपावत शहर नहीं ले जाया जा रहा है। इसके बाद मीडिया प्रभारी सूरज प्रहरी ने चंपावत व्यापार मंडल के नव निर्वाचित अध्यक्ष विकास शाह, पूर्व सभासद भगवत राय, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सनी वर्मा, देवेंद्र वर्मा आदि को मौके पर बुलाया। चंपावत के लोगों का कहना था कि पेयजल योजना चंपावत शहरी क्षेत्र के लिए है। इस योजना के होते हुए भी शहर के पांच वार्डों में पेयजल आपूर्ति ठीक से नहीं हो पा रही है। फिर भी यहां का पानी दूसरी जगह भेजा जा रहा है। जल संस्थान के जूनियर इंजीनियर को फोन कर पहले चंपावत में पर्याप्त आपूर्ति करने की मांग की गई। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस संबंध में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विलाल युनूस का फोन रिसीव नहीं होने से विभागीय पक्ष की जानकारी नहीं मिल सकी है।

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