पूर्णागिरि धाम की व्यवस्थाएं नवरात्र से पहले दुरुस्त करेंः SDM  

मंदिर समिति अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी संग किया क्षेत्र का दौरा, अधिकारियों को टूटी सड़कों, पैदल मार्गों, पेयजल योजनाओं सहित सभी व्यवस्थाओं को 1 अक्टूबर तक ठीक करने के निर्देश दिए, 3 अक्टूबर से शुरू होगा नवरात्र का मेला
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। मां पूर्णागिरि धाम में नवरात्र के मेले में अब महज 11 दिन बाकी हैं, लेकिन पिछले दिनों की भारी बारिश से हुए नुकसान की मरम्मत बाकी है। टनकपुर के SDM आकाश जोशी और पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने अधिकारियों के दलबल के साथ 20 सितंबर को मेला क्षेत्र का मुआयना कर सभी व्यवस्थाओं को 1 अक्टूबर तक दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। 11 सितंबर से तीन दिन तक हुई मूसलाधार बारिश ने पूर्णागिरि मेला क्षेत्र और आसपास के गांवों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है। SDM ने शुक्रवार को पूर्णागिरि क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर व भैरव मंदिर से काली मंदिर तक क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग का मुआयना किया। टूटी सड़कों, पैदल मार्गों, पेयजल योजनाओं सहित तमाम व्यवस्थाओं को समय पर ठीक करने के निर्देश दिए। 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले नवरात्र के मेले में उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी के दर्शन करते हैं। SDM आकाश जोशी ने लोनिवि और संबंधित विभागों के अधिकारियों को क्षतिग्रस्त मोटर मार्गों एवं पैदल मार्गों को जल्द से जल्द ठीक करने के निर्देश दिए। नवरात्र से पूर्व पूर्णागिरि धाम में सड़क, पेयजल, विद्युत सहित अन्य सभी जरूरी सुविधाएं पटरी पर लाने को कहा।
SDM ने बताया कि पिछले दिनों भारी वर्षा से हुई क्षति का आकलन कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी और अन्य पुजारियों ने भी व्यवस्थाओं को मेला शुरू होने से पहाले ठीक करने का अधिकारियों से आग्रह किया। SDM ने लोनिवि को ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर मोटर मार्ग और भैरव मंदिर से काली मंदिर के बीच तक गिरे मलबे को शीघ्र हटाने के निर्देश दिए। लोनिवि के सहायक अभियंता लक्ष्मण सिंह सामंत ने बताया कि मोटर मार्ग पर लोडर मशीन लगाई गई है। वहीं पैदल मार्ग के मलबे को हटाने के लिए मजदूर लगाए गए हैं। तीन दिन में मलबे को पूरी तरह से हटा लिया जाएगा। SDM ने जगह-जगह मार्ग के किनारे झुके व सूखे पेड़ों से हादसे की आशंका जताते हुए वन विभाग को पेड़ों को चिन्हित कर निस्तारण करने के भी निर्देश दिए।

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