मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल संरक्षण के संबंध में हुई बैठक में दिए ये निर्देश
हर जिले में एक पूर्णकालिक जलागम नोडल अधिकारी तैनात होगा
तीन दिन के भीतर SARRA की जिला स्तरीय बैठक लेनी होगी
जल स्रोतों, नदियों, धाराओं के पुनर्जीविकरण के लिए समग्रता से काम करने की हिदायत
हर ब्लॉक में सूख रहे 10 झरने और सूख रहे 20 जलधाराओं का चिन्हिकरण करें
दीर्घकालीन योजना के तहत एक नदी के पुनर्जीवीकरण की कार्ययोजना बनेगी
देवभूमि टुडे
देहरादून। उत्तराखण्ड में जल स्रोतों, धाराओं और नदियों के पुनर्जीविकरण का एक्शन प्लान सभी जिलों को हर हाल में एक सप्ताह में देना होगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय में जल संरक्षण के संबंध में हुई बैठक में ये निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों को राज्य के जल स्रोत, नदियों, सहायक नदियों, धाराओं के पुनर्जीविकरण के लिए समग्रता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए। सभी जिलाधिकारियों को इस काम के लिए जिलों में तत्काल एक पूर्णकालिक समर्पित जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही तीन दिन के भीतर SARRA (SPRING & RIVER REJUVENATION AUTHORITY) जिला स्तरीय की बैठक लेने को भी कहा गया है। मुख्य विकास अधिकारी को इस अभियान से प्रमुखता से जोडऩे के निर्देश दिए गए हैं।
सीएस राधा रतूड़ी ने अपर मुख्य सचिव वित्त को विभिन्न माध्यमों (मनेरगा, नाबार्डं, कैंपा, पीएमकेएसवाई से जल सा्रेतों व नदियों के पुनर्जीविकरण के लिए फंडिंग यूटिलाइजेशन) के संबंध में बैठक करने के लिए पत्र जारी करने के निर्देश दिए। जल संरक्षण अभियान 2024 के अंतर्गत हर ब्लॉक में सूख रहे 10 झरने और सूख रहे 20 जलधाराओं और सहायक नदियों का चिन्हिकरण करना होगा। इसी तरह दीर्घकालीन योजना के तहत एक नदी के पुनर्जीवीकरण की कार्ययोजना बनाई जाएगी। मैदानी जिलों में सूख चुके तालाबों के चिन्हीकरण एवं पुनर्जीवीकरण के एक्शन प्लान पर भी काम करने के निर्देश दिए हैं। पर्वतीय गांवों के जल स्रोतों के पुनरोद्धार के लिए कंटूर ट्रेचेंज और रिचार्ज पिट्स बनाने और मैदानी गांवों में कच्चे तालाब, चैक डैम व रिचार्ज पिट्स के माध्यम से भू जल रिचार्ज करने और गांवों के समीप वन क्षेत्रों व चारागाह क्षेत्रों में चाल खाल का निर्माण करने का सुझाव दिया गया।
जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत विकासखंड स्तर पर क्रिटिकल जल स्रोतों के इलाज का काम भी किया जाएगा। पेयजल विभाग और जल संस्थान को जल के प्रवाह में कमी वाले पेयजल जल योजनाओं पर काम करने को कहा गया है। वर्षा पर आधारित नदियों, गधेरों के जीर्णोद्धार की योजनाओं पर भी काम किया जाएगा। पेयजल विभाग व जल संस्थान ने 412 सहायक नदियों, धाराओं और छह नदियों को संवारने के लिए चिन्हित किया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली सहित संबंधित विभागों के अफसर और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी मौजूद थे।