जांच गठित होने के दृष्टिगत स्वास्थ्य महानिदेशालय ने दिया आदेश
कुमाऊं मंडल के निदेशक कार्यालय संबद्ध किया
आरोपों को नकारते हुए डीएम से मिला प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ
देवभूमि टुडे
चंपावत। प्रभारी सहायक मुख्य चिकित्साधिकारी और CHO (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी) के बीच पिछले कई दिनों से चल रहे विवाद के बीच स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 28 जून को बड़ा फैसला लिया है। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने चंपावत के एसीएमओ डॉ. कुलदीप यादव को कुमाऊं मंडल के निदेशक कार्यालय संबद्धक किया है। आदेश में उन्हें तत्काल निदेशक कार्यालय नैनीताल योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही डॉ.यादव का वेतन उनके मूल तैनाती स्थल यानी टीबी क्लीनिक चंपावत से आहरित होगा।
प्रभारी एसीएमओ डॉ. कुलदीप यादव पर कुछ सीएचओ ने अभद्रता और उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। इसे लेकर उनकी ओर से 20 जून से सीएम कैंप कार्यालय के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। 26 जून को प्रभारी एसीएमओ को उनके पद से हटाते हुए उनके मूल पद टीबी क्लीनिक के चिकित्साधिकारी के पद पर भेज दिया गया। और एक दिन बाद 27 जून को जिला मजिस्ट्रेट नवनीत पांडे ने जांच के आदेश दिए। एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है। जांच टीम को 2 जुलाई तक जांच रिपोर्ट देनी होगी। एडीएम हेमंत कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गठित जांच टीम में लोहाघाट की एसडीएम रिंकू बिष्ट और लोहाघाट उप जिला अस्पताल की प्रभारी चिकित्साधीक्षक सोनाली मंडल दो अन्य सदस्य हैं। वहीं एसीएमओ डॉ. कुलदीप यादव खुद पर लगे आरोपों को पूरी तरह आधारहीन बताते हैं।
इससे पूर्व 28 जून को व्यापार मंडल के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मिल कार्रवाई और एसीएमओ के तबादले की मांग की। वहीं प्रांतीय चिकित्सा चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की चंपावत जिला इकाई ने भी डीएम से मुलाकात कर जिले के कई चिकित्सकों पर अनर्गल आरोप लगा बेवजह परेशान करने की बात कही। कहा कि इन हालातों में उनके लिए काम कर पाना कठिन हो जाएगा। संघ ने कहा कि शिकायत करने वालों ने विभागीय उच्चाधिकारियों से इस संबंध में कोई बात नहीं की। संघ का कहना है कि झूठी शिकायत, झूठे आरोप और ईमानदारी पर सवाल उठाने पर आगे उचित कदम उठाने को मजबूर होगा।