SC-ST जातियों के उत्पीड़न में आई कमी

अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रभावी क्रियांवयन के लिए जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक
2025-26 में अब तक 1 मामला, 2024-25 में 2 व 2023-24 में 3 मामले दर्ज
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत जिले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों में कमी आई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी आरएस सामंत के मुताबिक इस अधिनियम के तहत 2025-26 में अब तक 1 मामला दर्ज हुआ है। जबकि 2024-25 में 2 और 2023-24 में 3 मामले दर्ज किए गए।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम के प्रभावी क्रियांवयन और मॉनिटरिंग के उद्देश्य से आज 30 अक्टूबर को DM मनीष कुमार की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट में हुई जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में अधिनियम के उद्देश्यों की पूर्ति तथा पीड़ितों को त्वरित राहत सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
DM मनीष कुमार ने बताया कि अधिनियम का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों को रोकना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना, कानूनी उपाय और न्याय प्रदान करना है। कहा कि इस अधिनियम के जरिए ना केवल अपराधों की रोकथाम होती है, बल्कि पीड़ितों को राहत और पुनर्वास प्रदान कर समानता और सामाजिक न्याय को भी बढ़ावा मिलता है।
DM ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे जन कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी एससी/एसटी समुदायों के नागरिक को बेवजह दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। DM ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में विशेष शिविर लगा उनकी मूलभूत समस्याओं का त्वरित समाधान करने को कहा। इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव न हो और उनके अधिकारों का हनन न हो पाए।
जिला समाज कल्याण अधिकारी आरएस सामंत ने बताया कि सभी दर्ज मामलों में पीड़ितों को नियमानुसार आर्थिक सहायता स्वीकृत राशि का भुगतान कर दिया गया है। बैठक में SP अजय गणपति, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी तनुजा वर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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