
चंपावत जिले के मैदान के ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में सोमवार रात और पहाड़ में कल रात हुआ लक्ष्मी पूजन
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। चंपावत जिले में दिवाली का पर्व उल्लास से मना। अलबत्ता लक्ष्मी पूजन दो दिन हुआ। मैदानी क्षेत्र टनकपुर, बनबसा के ज्यादातर शहरी क्षेत्र में सोमवार रात को लक्ष्मी पूजन हुआ। जबकि समूचे पहाड़ और मैदान के ग्रामीण क्षेत्रों में लक्ष्मी पूजन मंगलवार रात को हुआ। एक दिन के बजाय, लक्ष्मी पूजन दो दिन होने से असमजंस भी रही। आज 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजन और कल भैय्या दूज के साथ प्रकाश पर्व दीपावली का समापन होगा।
पूजन के साथ ही घरों को रोशनियों से सजाया गया। दोनों दिन आतिशबाजी और पटाखों का शोर शराबा भी खूब रहा। 45 लाख रुपये से अधिक मूल्य के पटाखे फोड़े गए। इस वजह से प्रदूषण में भी इजाफा हुआ। रात को चंपावत का AQI (Air Quality Index) 115 और 22 अक्टूबर की सुबह 91 रहा।
पंडित बसंत बल्लभ पांडेय का कहना है कि निर्णय सिंधु ग्रंथ के अनुसार यदि दो दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनी हो, तो दूसरे दिन दीपावली मनाना श्रेष्ठ माना जाता है। कुमाऊं में पंडित रामदत्त जोशी के पंचांग को मानने की परंपरा है। ये पंचांग निरयण प्रणाली पर आधारित है। जबकि अन्य जहों में सयण प्रणाली पर आधारित बनारस पंचांग चलता है।
DM ने NH पर काम कर रहे कर्मियों को बांटे उपहार:
चंपावत। लक्ष्मी पूजन के बीच मंगलवार रात टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला पहुंच DM मनीष कुमार ने सड़क के काम में लगे मजदूरों व कर्मियों को दिवाली की शुभकामनाएं दी और उपहार बांटे। उपहार से गदगद कर्मचारियों ने DM मनीष कुमार की इस पहल को नई ऊर्जा देने वाला और प्रेरणाप्रद बताया।





