प्रकाश पर्व होगा रोशन बस रखें थोड़ी सी सावधानी

पटाखे फोड़ने में कुछ ऐहतियात हैं जरूरी
चंपावत जिला अस्पताल सहित तीनों बड़े अस्पतालों में चाक चौबंद व्यवस्थाओं का दावा
देवभूमि टुडे
चंपावत। आज 20 अक्टूबर को देश के अधिकांश हिस्सों में दीपावाली है। रोशनी के इस उत्सव पर हर तरफ उल्लास और उमंग है। लेकिन चंपावत सहित कुमाऊं के अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में लक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर की रात को होगा। ऐसे में इस बार बच्चों की आतिशबाजी एक नहीं, दो दिन होगी। फुलझड़ी और पटाखे के उपयोग में तनिक सी असावधानी कई बार भारी पड़ सकती है। इसके मद्देनजर अतिरिक्त सावधानी बरतना जरूरी है। चंपावत में इस बार पटाखे की दुकान टैक्सी स्टैंड के पास स्थित पार्किंग स्थल में लगाई गई है।
चंपावत जिला अस्पताल के अलावा लोहाघाट और टनकपुर उप जिला अस्पताल में वार्ड से लेकर आपात चिकित्सा और
एंबुलेंस व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है। आकस्मिक सेवा में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई है। पटाखों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए इसका इस्तेमाल बेहद सावधानी से करने की अपील की गई है। पटाखों से निकलने वाला धुए से आंखों पर खतरे से लेकर दिल के रोगियों और सांस के मरीज के लिए परेशानी का कारण बनता है। पटाखों से जलने के बाद शरीर पर जलने वाली जगह पर जलन कम नहीं होने पर पानी डालना चाहिए। आंख में पटाखा या धुआं जाने पर आंखों को पानी से धोया जाए।
पटाखे जलाते वक्त बातें ये सावधानियां:
1.पटाखे जलाते वक्त एक बाल्टी पानी और रेत रखें।
2.पटाखे सूती कपड़े पहनकर खुली जगह पर जलाएं और आग दूर से ही लगाएं।
3.रॉकेट हमेशा ऊपर की ओर ही छोड़ें।
4.किसी भी ज्वलनशील पदार्थ से पटाखे दूर रखें जैसे दिया, मोमबत्ती या रसोईघर के पास।
ये ना करें:
1.बहुत तेज आवाज और तीव्रता वाले पटाखे न जलाएं।
2.फटने वाले पटाखों को हाथ में पकड़ कर आग न लगाएं।
3.पटाखे जलाते समय सिंथेटिक और नायलॉन के कपड़े न पहनें।
4.आग जले पटाखों को दोबारा जलाने का प्रयास खतरनाक हो सकता है, ऐसा करने से बचें।

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