भारत-नेपाल सीमा पर मेला 4 नवंबर से

नगरूघाट मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। भारत-नेपाल सीमा से लगे पंचेश्वर क्षेत्र का नामचीन नगरुघाट मेला 4 नवंबर की रात्रि से शुरू होगा। मेले को लेकर नागार्जुन मंदिर एवं नगरुघाट मेला समिति ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मंदिर परिसर की साफ-सफाई, रंग-रोगन और सजावट का कार्य शुरू हो चुका है।
19 अक्टूबर को यहां हुई बैठक में मेला समिति के अध्यक्ष जगदीश चंद्र कलौनी, सचिव कमल बोहरा और प्रवक्ता डॉ. सतीश चंद्र पांडेय ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में रात्रि का मेला होने के कारण श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सड़क मार्गों के सुधार, झाड़ियों की सफाई तथा प्रकाश व्यवस्था के लिए प्रशासनिक सहयोग जरूरी है। समिति ने खराब सड़कों की मरम्मत, पेयजल एवं विद्युत व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की है। बताया कि हर वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी की रात में पासम ग्राम पंचायत के सेरे के पास स्थित प्राचीन नागार्जुन मंदिर में यह मेला आयोजित होता है। अगले दिन महाकार्तिकी पूर्णिमा के पवित्र स्नान के साथ मेले का समापन होता है। इस बार समिति ने मेले को तीन दिवसीय करने का निर्णय लिया है। आयोेजकों के मुताबिक 3 नवंबर को क्रासकंट्री दौड़ और सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, 4 नवंबर की रात्रि को मुख्य मेला, 5 नवंबर को देवडांगरों का महाकाली ताल में स्नान के साथ मेले समापन होगा। मुख्य मेले की रात्रि में सल्टा, बगोटी और जमरसो गांवों के देवरथ तथा पासम, लेटी, सुनकुरी, मजपीपल, देवकुंडा, डुमडाई आदि गांवों के जत्थे मंदिर की परिक्रमा करेंगे। रात में भजन प्रतियोगिता, दमाऊ वादन प्रतियोगिता और स्थानीय झोड़ा नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। साथ ही मेले में इनामी कूपन भी खोले जाएंगे। बैठक में कोषाध्यक्ष रमेश चंद, प्रबंधक विक्रम सामंत, प्रेम सिंह, मोहन चंद, प्रवीण पांडेय, ईश्वर सिंह बोहरा, महेंद्र सिंह बोहरा, प्रकाश चंद, प्रकाश सिंह और पीतांबर पांडेय आदि मौजूद थे।

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