
पूजा-अर्चना के बाद महिलाओं ने पारंपरिक झोड़ा गायन कर वातावरण को बनाया भक्तिमय, 7 अक्टूबर तक चलेगा महोत्सव
देवभूमि टुडे
चंपावत/बाराकोट। बाराकोट में पूजा-अर्चना और भव्य कलश यात्रा के साथ लड़ीधूरा महोत्सव का श्रीगणेश हो गया है। रामलीला मैदान में पुरोहित पंडित सतीश चंद्र पांडेय एवं कैलाश चौबे ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की। जिसके बाद कलश यात्रा को मां लड़ीधूरा मंदिर के लिए रवाना किया गया। यात्रा से पहले महिलाओं ने पारंपरिक झोड़ा गायन कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। करीब 4 किमी का सफर तय कर यात्रा लड़ीधूरा मंदिर पहुंची। कलश यात्रा में ग्राम बाराकोट, पम्दा, काकड़, फरतोला, खोलासुनार सहित आसपास के विभिन्न गांवों की महिलाएं शामिल रहीं। कलश यात्रा में भाग लेने वाली महिलाओं के लिए लकी कूपन प्रणाली अपनाई गई। जिसमें हीरा देवी, ममता अधिकारी एवं ममता को रंग्याली पिछौड़ा भेंट किया गया। इस मौके पर ग्राम पम्दा निवासी स्वाति पुत्री मदन मोहन जोशी द्वारा आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष नगेंद्र कुमार जोशी ने बताया कि क्षेत्र की समृद्धि, खुशहाली एवं सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रत्येक वर्ष ग्रामीणों के सहयोग से यह महोत्सव आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि महोत्सव 7 अक्टूबर तक चलेगा। जिसमें विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख सीमा आर्या, जिला पंचायत सदस्य योगेश जोशी, ग्राम प्रधान सम्राट विश्वकर्मा, खोलासुनार सरस्वती देवी, काकड़ रीता टम्टा, जगदीश सिंह अधिकारी, दुर्गेश जोशी, नवीन जोशी, रमेश जोशी, महेंद्र अधिकारी, विनोद अधिकारी, किशोर जोशी, रजत वर्मा, ऋतेश कुमार वर्मा, सुनील वर्मा, राजू अधिकारी, राजेंद्र अधिकारी, दीनू अधिकारी, नमन जोशी, रजनीश जोशी, राहुल जोशी, शुभम नाथ, ललित मोहन जोशी, सौरव नाथ आदि मौजूद थे।




