
चंपावत-गौड़ी-किमतोली सड़क की मांग के लिए अधिशासी अभियंता को भेजा ज्ञापन गुमदेश विकास संघर्ष समिति की मांग
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। नाम चंपावत-गौड़ी-किमतोली मोटर मार्ग, लेकिन सड़क का काम चंपावत-गौड़ी से किमतोली से 3 किमी पहले चिल्कोटी खेत तक हो रहा। गुमदेश विकास संघर्ष समिति ने इस पर ऐतराज जताया है। सड़क को गौड़ी से किमतोली तक सुधारने की मांग करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को AE के जरिए 29 सितंबर को ज्ञापन भेजा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त शिक्षक माधो सिंह अधिकारी का कहना है कि शहीद शिरोमणि चिल्कोटी का कहना है कि नेपाल सीमा से लगे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गुमदेश क्षेत्र को जिला मुख्यालय चंपावत से जोने के लिए चंपावत-गौड़ी-किमतोली सड़क की कई दशक से मांग की जाती है। इस सड़क को सुधारने के लिए सरकार ने बजट मंजूर कर काम भी शुरू करवाया। लेकिन इस सड़क को चंपावत-गौड़ी से किमतोली तक सुधारने के बजाय किमतोली से पूर्व चिल्कोट खेती तक ही संवारा जा रहा है। इससे गुमदेश क्षेत्र की हजारों की आबादी को इसका फायदा नहीं मिल पाएगा। लोगों ने जिला मुख्यालय से किमतोली तक सड़क निर्माण की मांग की है।
चंपावत-गौड़ी-किमतोली मोटर मार्ग को सुधारने का काम इस साल अप्रैल से चल रहा है। समिति का कहना है कि जून में भी किमतोली तक सड़क की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
12.15 किलोमीटर लंबे मोटर मार्ग का 958.34 लाख रुपये से मरम्मत की जा रही है, लेकिन सड़क के सुधारीकरण किमतोली तक नहीं होकर उससे करीब 3 किमी पहले चिल्कोटी खेत तक होने से गुमदेश क्षेत्र के लोग मायूस हैं। संघर्ष समिति के अध्यक्ष अधिकारी का कहना है कि इससे चिल्कोटी खेती गांव से आगे के लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। ज्ञापन में विधायक प्रतिनिधि चांद सिंह बोहरा, मदन कलौनी, निर्मलनाथ, केदार सिंह के हस्ताक्षर हैं।


