
बड़ी संख्या में उमड़ रहे श्रद्धालु पूर्णागिरि धाम के अखंड धुनि स्थल में 2 अक्टूबर को होगा पारायण
देवभूमि टुडे
चंपावत/पूर्णागिरि धाम। पंडित गिरीशानंद शास्त्री ने कहा कि
शिव महापुराण कथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के दर्शन को व्यवहार में उतारने की सीख देता है। पूर्णागिरि मंदिर की अखंड धुनि स्थल में शिव महापुराण कथा कथा के छठें दिन शिव-पार्वती विवाह का मंचन भी हुआ। कहा गया कि कथा जीवन में समरसता व सौहार्द की सीख देती है।
शाारदीय नवरात्र के पहले दिन 22 सितंबर से शुरू शिव महापुराण कथा के रसास्वादन के लिए भारी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने बताया कि कथा का पारायण विजय दशमी के दिन 2 अक्टूबर को होगा। आयोजन में पंडित रमेश पांडेय, धर्मानंद तिवारी, पंडित मोहन पांडेय, परित कमलाकांत पांडेय, भुवन पांडेय, नवीन पांडेय, कैलाश, प्रकाश, दुर्गादत्त, प्रकाश उप्रेती, दयानंद पांडेय, हरीश पांडेय, इंद्रदेव पांडेय, चिंतामणि तिवारी, राजू पांडेय, बेनी प्रसाद पांडेय सहित तमाम लोग सहयोग कर रहे हैं।



