
चंपावत जिला अस्पताल में विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन की गोष्ठी
स्वस्थ और सुरक्षित समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे फार्मासिस्ट
देवभूमि टुडे
चंपावत। फार्मासिस्ट आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रीढ़ हैं। आज 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर जिला अस्पताल में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जनपद अध्यक्ष विष्णु गिरी गोस्वामी की अध्यक्षता और रोशन लाल विश्वकर्मा के संचालन में हुई गोष्ठी में कहा गया कि उनकी भूमिका केवल दवा के वितरण (डिस्पेंसिंग) तक सीमित नहीं है, बल्कि वे एक (औषधियों के मैनुफैक्चरिंग से लेकर उपभोग तक) व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में काम करते हैं।
जनपद अध्यक्ष विष्णु गिरी गोस्वामी ने विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2025 का विषय ‘Think Health, Think Pharmacist’ की जानकारी दी। कहा कि सेहत से जुड़ी कोई भी चर्चा फार्मासिस्टों के बगैर अधूरी है। यह दिन ना केवल फार्मासिस्टों का सम्मान करने का एक अवसर है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाने, उनके कौशल को विकसित करने और उन्हें स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में उनके सही स्थान पर स्थापित करने का भी आह्वान है। जब हम स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं, तो हमें फार्मासिस्ट के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि वे एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मुख्य रूप से दवाओं का सही उपयोग और सुरक्षा व मरीजों को परामर्श, सही दवा, सही खुराक में और सही समय पर मिले। वे दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों और अन्य दवाओं के साथ उनके अंतर्विरोधों की मरीजों को जानकारी भी देते हैं।
कहा गया कि उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। जैसे कि उनके पेशेवर योगदान की अपर्याप्त पहचान, कम पारिश्रमिक और आधुनिक तकनीकों के साथ तालमेल बिठाने की चुनौती।
उत्तराखंड के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां डॉक्टरों और अस्पतालों की संख्या कम है, फार्मासिस्ट अक्सर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा का पहला और अकेला संपर्क बिंदु होते हैं। वे दवाएं देने के अलावा, छोटी-मोटी बीमारियों में परामर्श भी देते हैं। और आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। भूस्खलन, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान चिकित्सा की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और राहत शिविरों में स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वक्ताओ ने कहा कि हर चिकित्सा संस्थान में राज्य सरकार स्वास्थ्य योजनाओं में फार्मासिस्टों की भागीदारी को बढ़ाकर स्वास्थ्य परिणामों को और बेहतर बना सकती है। बाद में जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल बांटे गए।
गोष्ठी में जिला फार्मेसी अधिकारी केसी नैलवाल, पूर्व मुख्य फार्मेसी अधिकारी एमसी जोशी, उपाध्यक्ष मनोज पुनेठा, संप्रेक्षक तान सिंह, प्रमोद कुमार पांडेय, प्रेम टम्टा, कोषाध्यक्ष गिरीश खर्कवाल, वेद प्रकाश, साक्षी गोस्वामी, भावना कुनियाल, युवराज सिंह, विजय सिंह, रिया सेठी, मनोज कुमार आदि मौजूद थे।





