
दूरस्थ ककनई GIC को बनाया जाएगा उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा का केंद्र, DM मनीष कुमार की हरी झंडी, जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद बन जाएगा नया केंद्र, 52 किमी दूर टनकपुर के परीक्षा केंद्र से मिलेगी निजात
देवभूमि टुडे
चंपावत। दूरस्थ ग्राम पंचायत ककनई, डांडा और बुड़म क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा के लिए ना गांव छोड़ शहर जाना होगा और नहीं लंबी दूरी तय करनी होगी। जहां वे पढ़ रहे हैं, वहीं इम्तिहान भी देंगे। इसकी वजह है DM मनीष कुमार द्वारा ककनई GIC को परीक्षा केंद्र के रूप में मंजूरी देने का ऐलान करना।
कल 24 सितंबर को ककनई गांव में लगे ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम में लोगों ने ककनई को बोर्ड परीक्षा का केंद्र बनाने का अनुरोध किया था। फिलहाल यहां के बोर्ड परीक्षार्थी 59 किलोमीटर दूर टनकपुर की दौड़ लगाते हैं। DM मनीष कुमार ने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद ककनई में परीक्षा केंद्र बनाने पर सहमति दी। अब इस पर जिला स्तरीय समिति द्वारा औपचारिक अनुमोदन किया जाएगा। CEO मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली इस समिति के अनुमोदन से 2026 से होने वाली हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षा का केंद्र ककनई GIC में हो जाएगा। पिछली बोर्ड परीक्षा में चंपावत जिले में कुल 42 केंद्र थे।
इस निर्णय से ककनई, बुड़म, डांडा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के 10वीं व 12वीं के बच्चों को सीधा लाभ होगा। अब उन्हे पढ़ना कहीं और परीक्षा देने कहीं और नहीं जाना होगा। सालभर अपने गांव के स्कूल में पढ़ाई करने के बाद इम्तिहान देने के लिए गांव छोड़कर 52 किमी दूर शहर नहीं जाना होगा। दूर और नई जगह परीक्षा देने के लिए जाने का असर ना केवल रहने व खाने के खर्च के रूप में होता था, बल्कि इसकी मार उनके परीक्षा प्रदर्शन पर भी पड़ती थी। अपने अभिभावकों के साथ जाकर टनकपुर परीक्षा देने के लिए मजबूर ये परीक्षार्थी दो हजार रुपये में कमरे के किराये समेत करीब डेढ़ से दो हजार रुपये खाने में खर्च करते रहे हैं।
गांव के लोग बीते 8 साल से बोर्ड परीक्षा का केंद्र डांडा में बनाने की मांग करते रहे, लेकिन सुरक्षा आदि मानकों के अभाव में मांग पूरी नहीं हो सकी। अलबत्ता अब ये तमाम बधाएं दूर हो गई है और छात्र-छात्राओं को उनके ही कॉलेज में इम्तिहान देने का मौका मिलेगा।

