
नन्ही परी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अख्तर अली को बरी किए जाने से लोगों में उबाल
हल्द्वानी में नवंबर 2014 में हुआ था नन्हीं परी हत्याकांड
देवभूमि टुडे
चंपावत। हल्द्वानी में नवंबर 2014 में हुए नन्ही परी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अख्तर अली के प्रभावी पैरवी नहीं होने पर उच्चतम न्यायालय से बरी होने से लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। टनकपुर, लोहाघाट के बाद अब चंपावत जिला मुख्यालय में भी विरोध की आहट शुरू हो गई है। आज 22 सितंबर को लोहाघाट के बाद शाम को चंपावत स्टेशन रोड में भी इंसाफ की आवाज उठी। गांधी तिराहे से मुख्य बाजार तक व्यापार संघ और स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। चंपावत व्यापार संघ के अध्यक्ष विकास साह, महामंत्री हरीश सक्टा और सूरज प्रहरी के नेतृत्व में क्षेत्र के लोगों ने नन्ही परी और उनके परिवार को इंसाफ दिलाए जाने को लेकर प्रदर्शन किया।
लोगों ने इस मामले में प्रदेश सरकार से पुनर्विचार याचिका दायर कर दोषी को फांसी देने की मांग की। नागरिकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार नन्ही परी के पक्ष में ठोस साक्ष्य नहीं रख सकी, जिससे दरिंदे को बरी कर दिया गया। पुनर्विचार याचिका दायर करने के साथ प्रभावी पैरवी कर दरिंदे को हर हाल में सजा दिलाए जाने की मांग की गई।
विरोध करने वालों में BJP जिला उपाध्यक्ष कैलाश अधिकारी, चंपावत नगर मंडल अध्यक्ष सुनील पुनेठा, सूरज प्रहरी, सनी वर्मा, खर्ककार्की की ग्राम प्रधान मीना कार्की, सभासद बबीता प्रहरी, अनीता प्रहरी, शिल्पा अधिकारी,सीमा धौनी, मीनाक्षी संगीता, बबली, लीला, कमला भट्ट, रेखा, कमला पांगती,पुष्पा ओझा, सविता ढेक आदि शामिल थे।


