
गंडकी नदी के तट पर चंपावत के डिप्टेश्वर महादेव मंदिर के पास दी गई तिलांजलि
विभागीय प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली को निरस्त करने सहित तीन मांगों को लेकर 18 अगस्त से आंदोलन कर रहा है राजकीय शिक्षक संघ
देवभूमि टुडे
चंपावत। श्राद्ध पक्ष की अष्टमी के दिन आज 14 सितंबर को गुरुओं ने तर्पण किया। काल सर्प दोष का निवारण करने वाली गंडकी नदी के तट पर स्थित चंपावत के डिप्टेश्वर मंदिर में राजकीय शिक्षक संघ ने आज रविवार को विभागीय प्रधानाचार्य सीधी भर्ती प्रक्रिया के आदेश सहित तीन मांगों को लेकर तिलांजलि दी। संघ के जिलाध्यक्ष जगदीश सिंह अधिकारी का कहना है कि सरकार को सदबुद्धि आए, इसके लिए तर्पण किया गया है। प्रदेशभर के नाराज शिक्षक अब दो दिन बाद 17 सितंबर को देहरादून सचिवालय और मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे।
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पदोन्नति सहित तमाम न्यायोचित मांगों की लंबे समय से अनदेखी की जा रही है। और पिछले साल से विभागीय प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के तुगलकी फरमान से शिक्षकों की पदोन्नति की भविष्य की राह रोकी जा रही है। इसे कतई बर्दाशत नहीं किया जाएगा। नारेबाजी के बीच शिक्षकों ने गंडकी नदी के तट पर तर्पण कार्यक्रम करने के साथ सरकार को चेताया। कहा कि जब तक सरकार संगठन की मांगों को मान नहीं लेती, ये आंदोलन जारी रहेगा।
चंपावत में हुए कार्यक्रम में संघ के जनपदीय उपाध्यक्ष अनिल कुमार, संगठन मंत्री गिरीश जोशी, प्रवक्ता कुंवर प्रथोली, संघ के चंपावत ब्लॉक के अध्यक्ष विनोद गहतोड़ी, मंत्री भूपेश जोशी, लोहाघाट ब्लॉक के अध्यक्ष दीपक अधिकारी, मंत्री गोविंद मेहता, बराकोट ब्लॉक के मंत्री नवीन बिष्ट, संजीव कुमार पंत, विजय जोशी, सामश्रवा आर्य, हीराबल्लभ पांडेय, विनोद सिंह धोनी, महेश भट्ट, चंंदन अधिकारी, जगन्नाथ गोस्वामी, पंचदेव पांडेय बीना जोशी, तुलसी गोस्वामी, नीतू उप्रेती, ममता सोराड़ी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे। वहीं पाटी ब्लॉक इकाई ने संयुक्त मंत्री नरेंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में शिवालय मंदिर में विभागीय प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमवाली का तर्पण कार्यक्रम किया।
ये हैं तीन प्रमुख मांगें:
शिक्षकों की पदोन्नति (एलटी से प्रवक्ता, एलटी प्रवक्ता से प्रधानाध्याक, प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति), विभागीय प्रधानाचार्य सीधी भर्ती की नियमावली को निरस्त करने और स्थानांतरण की प्रक्रिया को लागू करवाना।
आंदोलन का ये रहा क्रम:
1 जून से शुरू असहयोग आंदोलन त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के दौरान स्थगित हुआ। चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद 18 अगस्त से चॉकडाउन हड़ताल के साथ आंदोलन का दूसरा चरण शुरू किया गया। और उसके बाद प्रदेश के जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन, प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्यों के अतिरिक्त प्रभार को छोड़ना, 1 सितंबर से देहरादून निदेशालय में जिलेवार धरना, शिक्षक दिवस को मौन प्रदर्शन और अब तर्पण कार्यक्रम किया गया। 17 सितंबर को देहरादून में सचिवालय का घेराव और मुख्यमंत्री आवास का घेराव कार्यक्रम किया जाएगा।

