
स्वांला में आए मलबे से 29 अगस्त की सुबह से बंद है
टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग
सीमांत की निर्माणाधीन टनकपुर-जौलजीबी सड़क भी 3 सितंबर से बंद देवभूमि टुडे
चंपावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद हुए 10 दिन हो चुके है। NH टनकपुर-चंपावत के बीच 29 अगस्त से बंद है। तमाम प्रयासों के बावजूद स्वांला में आया मलबा अब तक साफ नहीं हो सका है। टनकपुर-चंपावत के बीच वाहनों का आवागमन बंद होने से लोगों को भारी दुश्वारी हो रही है। जेब पर मार से लेकर कामकाज पर भी असर पड़ रहा है।
सूचना विभाग के मुताबिक कल 6 सितंबर की रात करीब 9 बजे जेसीबी ने स्वांला के मलबे को साफ कर मशीन को आर-पार कराया था। लेकिन कुछ ही देर बाद पहाड़ी से फिर से मलबा आने से हालात दुबारा पहले जैसे हो गए। यहां लगातार आ रहा मलबा मुश्किलें पेश कर रहा है। इस वजह से NH खंड के तमाम प्रयास सफल नहीं हो सके हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग के लोहाघाट खंड के अधिशासी अभियंता दीपक कुमार जोशी तो मौके पर डटे हैं ही, SE हरीश सिंह पांगती भी कई दिनों से सुपरविजन कर रहे हैं। बावजूद इसके बंद रोड का इलाज फिलहाल किसी के पास नहीं है। रोड कब खुलेगी? सुरक्षित और अबाध आवाजाही कब शुरू होगी? इसका सटीक जवाब देने की स्थिति में कोई नहीं है। बस विभाग का एक ही जवाब है कि सड़क को जल्द से जल्द खोलने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
अलबत्ता दो वैकल्पिक मार्गों (चंपावत-सिप्टी-अमोड़ी-टनकपुर रोड या सूखढांग-रीठा साहिब- धूनाघाट-लोहाघाट) से वाहनों के आवागमन की व्यवस्था की गई है। अलबत्ता इन मार्गों से दूरी और किराया जरूर बढ़ रहा है।
वहीं चंपावत जिले की सीमांत की टनकपुर-जौलजीबी सड़क भी 3 सितंबर से बंद है। इस निर्माणाधीन सड़क पर लादीगाड़ के पास चट्टान आने से रास्ता बंद है। PlU के अधिशासी अभियंता आदर्श गोपाल का कहना है कि सड़क खोलने के लिए मशीनें लगाई गई हैं।



