

पूर्णागिरि यात्रा पर लगा ब्रेक
ठुलीगाड़, भैरव मंदिर व काली मंदिर सहित कई स्थानों पर फंसे 2 हजार से अधिक श्रद्धालु
टनकपुर-ठुलीगाड़ सड़क पर बाटनागाड़ क्षेत्र कीचड़ व दलदल से पटा
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। पूर्णागिरि मार्ग (निर्माणाधीन टनकपुर जौलजीबी रोड) पर बाटनागाड़ नाले ने श्रद्धालुओं की राह रोक दी है। नाले के उफान में आने और सड़क के करीब 400 मीटर क्षेत्र में कीचड़ व दलदल होने से वाहनों की आवाजही पूरी तरह से बंद हो गई है। अभी काफी श्रद्धालु पूर्णागिरि में फंसे हैं। श्रद्धालुओं को पूर्णागिरि ले जा रही एक जीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। अच्छी बात यह रही कि सभी यात्री सुरक्षित है। मानसूनी सीजन शुरू होने के साथ ही चार दिनों में यह दूसरा मौका है, जब बाटनागाड़ नाले की वजह से वाहनों की आवाजाही पर ब्रेक लग गया है।
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक पूर्णागिरि सड़क पर बीती रात करीब 2 बजे से बाटनागाड़ नाला उफनाया है। करीब 400 मीटर का क्षेत्र कीचड़ और दलदल से पट गया है। 18 जून की सुबह टनकपुर से श्रद्धालुओं को लेकर पूर्णागिरि की ओर जा रही जीप बाल-बाल बची। जीप तो सड़क से नीचे गिर गई, लेकिन उससे पूर्व सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया था। पूर्णागिरि धाम में 2 हजार से अधिक श्रद्धालु फंसे हैं। इन फंसे यात्रियों को निकलने का प्रयास किया जा रहा है। ठुलीगाड़ पुलिस चौकी के प्रभारी राकेश कठायत, भूपेंद्र और SSB की टीम पूर्णागिरि में फंसे श्रद्धालुओं को पैदल रास्ते से निकलवा रही है। प्रशासन ने फिलहाल पूर्णागिरि की यात्रा पर रोक लगा दी है। ये सड़क पूर्णागिरि के अलावा चूका, कलढूंगा, श्रीकुंड सहित टनकपुर-जौलजीबी सड़क के रास्ते के ढेरों गांवों को जाति है। इन गांव की आवाजही भी बंद है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता लक्ष्मण सिंह सामत का कहना है कि रोड को खोलने का मशीन लगा प्रयास किया जा रहा है। लेकिन कीचड़ व दलदल ज्याद होने से इसमें समय लग सकता है। फिलहाल इस स्थान से आवाजाही पूरी तरह रोकी गई है।
बता दें कि इससे पूर्व मानसून के पहले दिन 15 जून की सुबह भी बाटनागाड़ के उफान पर आने से करीब 1 घंटे वाहतो का आवागमन बंद रहा था। इससे मां पूर्णागिरि धाम जाने व और दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं को फजीहत झेलनी पड़ी थी।









