रीठा साहिब जोड़ मेले का आगाज कल…तीर्थयात्रियों से गुलजार हुआ समूचा क्षेत्र

3 दिनी मेले में मुख्य मेला 10 जून को होगा
चंपावत से 75 किलोमीटर दूर रीठा साहिब के गुरुद्वारे को सजाया गया, तैयारियां पूरी
वर्ष 1505 में रीठा साहिब पधारे थे सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी
देवभूमि टुडे
चंपावत/रीठा साहिब। रीठा साहिब जोड़ मेला भले ही कल 9 जून से शुरू होगा, लेकिन सिख तीर्थयात्रियों की आवाजाही जोरों पर है। बड़ी संख्या में दूरदराज से तीर्थयात्री चंपावत से 75 किलोमीटर दूर रीठा साहिब गुरुद्वारा जा रहे हैं। इससे रीठा साहिब गुरुद्वारे के साथ ही इस पूरे क्षेत्र में खूब चहलपहल है। वहीं मेले की तैयारी पूरी कर ली गई है। गुरुद्वारे को भी सजाया गया है।
सोमवार से शुरू होने वाले जोड़ मेले के लिए रीठा साहिब में सजावट की गई है। बिजली की रोशनी से गुरुद्वारा जगमगा रहा है। मेले का शुभारंभ कल 9 जून की पूर्वान्ह को होगा। पाटी की उप जिला मजिस्ट्रेट नीतू डांगर का कहना है कि मेले की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। सुरक्षा, सफाई, स्वास्थ्य कैंप से लेकर पेयजल सहित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। रोडवेज की एक अतिरिक्त बस सेवा रीठा साहिब-नानकमत्ता के बीच संचालित की गई है।
बाबा श्याम सिंह का कहना है कि तीन दिनी मेले में मुख्य मेला 10 जून को होगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित कई राज्यों से सिख संगत पहुंची है। दिनभर लंगर चल रहा है। चंपावत जिले में सूखीढांग सहित कई हिस्सों में लंगर लगाया गया है। 9 जून से अखंड पाठ की लड़ी शुरू होगी। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी कमलेश बिष्ट और अन्य विभाग मेला व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं।
गुरु नानक देव जी के चमात्कार से मीठे हुए थे कड़ुवे रीठे:
चंपावत से 75 किलोमीटर दूर लधिया घाटी का रीठा साहिब क्षेत्र सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की साधना और चमत्कारों का समागम रहा है। वर्ष 1505 में गुरु नानक जी यहां पधारे थे। गुरु जी के आध्यात्मिक चमत्कार के बाद यहां के कड़ुवे रीठे मीठे हो गए थे। कड़ुवे से मीठे बने ये रीठे गुरु नानक जी के आध्यात्मिक चमत्कार और सिद्धि का प्रमाण है। और यही रीठे प्रसाद में गुरुद्वारा आने वाले श्रद्धालुओं को दिए जाते हैं।

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