

चंपावत जिले में शोक की लहर, राज्य आंदोलनकारियों ने शोक जताया, सेवानिवृत्त शिक्षक थी थे आंदोलनकारी पुनेठा
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी और सेवानिवृत्त शिक्षक गणेश दत्त पुनेठा की दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई। वे पिछले साल ही जीजीआईसी लोहाघाट से सेवानिवृत्त हुए थे। 4 जून को एकाएक निधन पर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। 90 के दशक की शुरुआत में उत्तराखंड क्रांति दल से जुड़े भुमलाई निवासी पुनेठा ने राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाई।
पुनेठा बुधवार पूर्वान्ह लोहाघाट बाजार गए थे और कई लोगों से मिले थे। बाजार से घर पहुंच उन्होंने खाना खाया और उसके कुछ देरी बाद उन्हें एकाएक दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल ले जाने से पहले घर पर ही उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज 5 जून को किया जाएगा।
पुनेठा के निधन पर राज्य आंदोलनकारियो ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने राज्य आंदोलन का अपना एक सशक्त साथी खो दिया। निधन पर राज्य आंदोलनकारी एडवोकेट नवीन चंद्र मुरारी, भूपेश देव (ताऊ), विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, नगर पालिकाध्यक्ष गोविंद वर्मा, केदार दत्त सुतेड़ी, प्रहलाद सिंह मेहता, योगेश मेहता, बृजेश माहरा, राजकिशोर ओली, अर्जुन ढेक, सुरेंद्र बोरा, जीवन मेहता, भुवन जोशी, शैलेंद्र राय, राजू गड़कोटी, भुवन जोशी, एडवोकेट भास्कर मुरारी, राजकिशोर ओली के अलावा लक्ष्मण बिष्ट, कैलाश रावत, विनोद मेहरा, कैलाश मेहता, हेम पुनेठा, मनोज जोशी सहित जीजीआईसी प्रबंधन, सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन प्रतिनिधियों ने शोक जताया है।
वहीं चंपावत में उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय, जिला आंदोलनकारी संगठन के जिलाध्यक्ष बसंत तड़ागी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख बहादुर सिंह फर्त्याल, मंदीप ढेक, मोहन चौधरी, पुष्कर चौधरी, डीके पांडेय, खीमानंद पांडेय, सुनील गड़कोटी, अचिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन के अध्यक्ष दिनेश पांडेय आदि ने राज्य आंदोलनकारी पुनेठा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

