

चंपावत-गौड़ी-किमतोली मोटर मार्ग के 12.15 किमी हिस्से को सुधारने का काम 25 मार्च से शुरू हुआ
लेकिन किमतोली से तीन किमी पहले चिल्कोट खेती तक ही हो रहा सड़क का सुधारीकरण
गुमदेश विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष माधो सिंह अधिकारी ने कहा-इस कदम से ठगा मान रहे गुमदेश के लोग
देवभूमि टुडे
चंपावत। शहीद शिरोमणि चिल्कोटी चंपावत-गौड़ी-किमतोली मोटर मार्ग को सुधारने का काम इन दिनों चल रहा है। 12.15 किलोमीटर लंबे मोटर मार्ग का 958.34 लाख रुपये से यह कार्य इसी साल 25 मार्च से शुरू हो चुका है, लेकिन सड़क का यह सुधारीकरण किमतोली तक नहीं होकर उससे करीब तीन किलोमीटर पहले चिल्कोट खेत तक ही हो रहा है। इससे गुमदेश क्षेत्र के लोग मायूस हैं। गुमदेश विकास संघर्ष समिति ने सड़क को गौड़ी से किमतोली तक सुधारने की मांग की है। इसे लेकर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त शिक्षक माधो सिंह अधिकारी ने आवाज उठाई है।
संघर्ष समिति का कहना है कि नेपाल सीमा से लगे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गुमदेश क्षेत्र को जिला मुख्यालय चंपावत से जोडऩे के लिए चंपावत-गौड़ी-किमतोली सड़क की कई दशक से मांग की जाती है। इस सड़क को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ना केवल ऐलान किया, बल्कि बजट भी मंजूर कर काम शुरू करवाया। लेकिन इस सड़क को चंपावत-गौड़ी से किमतोली तक सुधारने के बजाय किमतोली से पूर्व चिल्कोट खेती तक ही संवारा जा रहा है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष अधिकारी का कहना है कि इससे चिल्कोटी खेती गांव से आगे के लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मॉडल जिले की सीमा यहीं समाप्त है।
इसे लेकर समिति के अध्यक्ष ने भाजपा के जिलाध्यक्ष को भी पत्र भेज सड़क को किमतोली तक बनवाने का आग्रह किया है।
क्या कहते हैं BJP जिलाध्यक्ष गोविंद सामंत: इस सड़क के पूरा होने के बाद इसे चिल्कोट खेती से आगे किमतोली तक बनवाया जाएगा। गुमदेश क्षेत्र के लोगों की सड़क की जरूरत प्राथमिकता में है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की दलील: चंपावत डिवीजन के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र पलडिय़ा का कहना है कि सड़क का सुधारीकरण गौड़ी से चिल्कोट खेती तक 12.15 किमी तक होगा। वहीं लोहाघाट खंड के ईई हितेश कांडपाल का कहना है कि चिल्कोट खेती से किमतोली तक सड़क सुधारीकरण का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। प्रस्ताव मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

