

माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ की पीड़ा
स्थाईकरण तो दूर अवकाश अवधि का मानदेय तक नहीं
विद्यालयों की बागडोर आज से दो दिन तक अतिथि शिक्षकों के जिम्मे
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत जिले के 105 GIC, GGIC और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की बागडोर आज 23 मई से दो दिन तक अतिथि शिक्षकों के जिम्मे होगी। किसी भी स्कूल में स्थाई शिक्षक नहीं होंगे। ये नौबत चंपावत सहित उत्तराखंड के सभी 13 जिलों की है। इसकी वजह राजकीय शिक्षक संघ का 23 मई से दो दिवसीय अधिवेशन होना है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वे शिक्षा व्यवस्था को संवारने में लगातार योगदान कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी उपेक्षा हो रही है।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के चंपावत के जिलाध्यक्ष चंचल सिंह कुंवर का कहना है कि शिक्षा सहित विद्यालय की तमाम जिम्मेदारियों को अतिथि शिक्षक पूरी संजीदगी से निभा रहे हैं। यहां तक कि 10 अतिथि शिक्षकों पर आश्रित चौड़ामेहता अटल उत्कृष्ट GIC का CBSE हाईस्कूल बोर्ड का परीक्षाफल शत-प्रतिशत रहा है। बावजूद इसके अतिथि शिक्षकों की उपेक्षा और अनदेखी थम नहीं रही है। उन्हें स्थाई करना तो दूर, अवकाश अवधि का मानदेय तक नहीं दिया जा रहा है। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के जिला सचिव नीरज जोशी, जिला कोषाध्यक्ष योगेश खर्कवाल, संरक्षक मोहन चिलकोटी, उपाध्यक्ष उमेश मिश्रा, नवीन पुनेठा, रेखा बोरा, महामंत्री तारा सिंह, संयुक्त सचिव सुनील कुमार प्रहरी आदि का कहना है कि नौनिहालों के भविष्य को संवारने वाले अतिथि शिक्षको के भविष्य की भी सरकार सुध ले।

