

चंपावत के गोरखनाथ धाम की चढ़ावे की घंटियों को अन्यत्र ले जाने से रोकने की ADM को ज्ञापन देकर की मांग
गोरखनाथ धाम के महंत योगी रामनाथ ने खारिज किए आरोप, सब कुछ धर्म व नियमों के हिसाब से होने का किया दावा
देवभूमि टुडे
चंपावत/तल्लादेश। तल्लादेश के मंच के विख्यात गुरु गोरखनाथ धाम की पीतल की घंटियों को अन्यत्र ले जाने का कुछ लोगों ने आरोप लगाया है। इसे लेकर तल्लादेश के तामली के पूर्व ग्राम प्रधान विपिन जोशी और नीड़ के सामाजिक कार्यकर्ता दीपेश शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज 17 मई को DM को संबोधित ज्ञापन ADM को सौंपा। ज्ञापन में घंटियों को वापस मंदिर में स्थापित करवाने का आग्रह किया गया है।
तल्लादेश के नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ADM जयवर्धन शर्मा से मुलाकात कर गोरखनाथ धाम में पूर्वजों द्वारा चढ़ाई गई घंटियों को अन्यत्र ले जाने का विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि सदियों से चढ़ाई जा रही घंटियों की संख्या हजारों में हैं, लेकिन इन्हें क्षेत्रीय लोगों को विश्वास में लिए बगैर निस्तारण की गुपचुप योजना बनाई जा रही है। ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि इस काम में स्थानीय स्तर के कतिपय जन प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
एडवोकेट डॉ. मदन सिंह महर ने कहा कि पूर्वजों द्वारा मनोकामनाओं को पूरी होने पर इन घंटियों को चढ़ाया गया है। ऐसे में आस्था के साथ ही इनका विशेष महत्व भी है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति द्वारा इन घंटियों को खुर्द-बुर्द नहीं किया जा सकता है। ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट डॉ. मदन सिंह महर, निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य उमेश शर्मा, राम सिंह आदि शामिल थे।
दूसरी तरफ गोरखनाथ मठ के महंत योगी रामनाथ ने आरोपों को निराधार बताया है। कहा कि सभी घंटियां सुरक्षित हैं। कुछ लोग धार्मिक रंग देकर मंदिर को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। टूटी घंटियों को बदलने (रिप्लेस) के लिए भेजा जा रहा था। इनमें से कुछ घंटियां टूटी है और कुछ सालों-साल से मठ के भीतर पड़ी थी। जो घंटियां ठीक है, उन्हें सड़क से मंदिर के मुख्य मार्ग तक लगाने पर विचार किया जा रहा है। मंदिर तक आने के लिए तीन गेट हैं। डेढ़ क्विंतल की दो और सवा दो क्विंतल की एक घंटी बनाकर इन द्वारों में लगाई जाएगी। जो भी कदम उठाए जा रहे हैं, वह गोरखनाथ धाम को संवारने के लिए किए जा रहे हैं।
धाम की ये है मान्यता:
नेपाल सीमा से लगा गोरखनाथ धाम चंपावत से करीब 35 किलोमीटर दूर है। यहां अखंड धूनी प्रज्वलित होती है। मान्यता है कि धाम की भभूत (विभूति) लगाने से शिशुओं को अकाल मौत से बचाव होता है।



