सरयू पंपिंग योजना का फरवरी 2023 में हुआ था ऐलान…लेकिन शुरू नहीं हो सका काम

लोहाघाट में लोहाघाट विकास संघर्ष समिति के बैनरतले दूसरे दिन जारी धरने में कोलीढेक की महिलाओं ने दिया समर्थन
लोहाघाट शहर को रोज चाहिए 25 लाख लीटर पानी लेकिन मिल रहा महज 9 लाख लीटर
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। सरयू लिफ्ट पेयजल योजना के निर्माण की मांग को लेकर लोहाघाट विकास संघर्ष समिति का धरना 2 मई को दूसरे दिन भी जारी रहा। तहसील परिसर में चल रहे धरने में लोगों ने पेयजल योजना का काम जल्द शुरू करने और योजना बनने तक पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की। कोलीढेक की महिलाओं सहित अन्य लोगों ने भी धरने को समर्थन दिया।
2 मई को धरने पर बैठे संघर्ष समिति के अध्यक्ष विपिन गोरखा ने कहा कि लोहाघाट नगर और आसपास में पेयजयल की समस्या को लेकर बेमियादी धरना शुरू किया गया है। आंदोलन को आम लोगों का सहयोग मिल रहा है। धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि शहर में वर्षों से पेयजल की समस्या बनी है। इस वक्त भी लोहाघाट शहर में रोजाना 25 लाख लीटर से अधिक पानी की जरूरत है, लेकिन मिल महज 9 लाख लीटर है। ऐसे में सरयू लिफ्ट पेयजल योजना के बनने से लोगों को राहत मिलती। नागरिकों ने कहा कि पहले तो सरकार सरयू लिफ्ट पेयजल योजना का निर्माण शुरू करने के अलावा फिलहाल पेयजल किल्लत को दूर करने के लिए वैकल्पिक उपाय करे। धरने में मुख्य संरक्षक प्रहलाद सिंह मेहता, डीडी पांडेय, शैलेंद्र राय, अनंत साह, राजकिशोर साह, दीपक साह, रंजीत अधिकारी, लोकेश पांडेय, अजय गोरखा, कोलीढेक ग्राम पंचायत के प्रशासक सबर जान, रमेश बिष्ट, गणेश पुनेठा, उमा ढेक, ललित मोहन राय, विद्या सागर पांडेय, रोहित खान, उषा अधिकारी, रेखा टम्टा, महेंद्र सिंह बोहरा, हेमंत कुमार राय, नवीन जोशी, आकांक्षा, ममता ढेक, उमा ढेक आदि मौजूद थे।
पंपिंग योजना के इस्टीमेट पर लगी है आपत्ति
चंपावत। सरयू पेयजल पंपिंग योजना का ऐलान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करीब दो साल पहले किया था। 24 फरवरी 2023 को ये ऐलान हुआ था, लेकिन अभी इसमें निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। पेयजल निगम के अधिकारियों का कहना है कि सर्वेक्षण कार्य काफी पहले पूरा किया जा चुका है। योजना का प्राक्कलन भी नवंबर 2024 को उत्तराखंड पेयजल निगम के मुख्य अभियंता देहरादून को भेजा गया है। इस साल चार जनवरी को इस्टीमेट पर आपत्तियां लगाई गई थी। निगम आपत्तियों के निराकरण की कार्यवाही कर रहा है। जल निगम के अधिशासी अभियंता वीके पाल का कहना है कि DWSM (जिला जल एवं स्वच्छता मिशन) के अनुमोदन के बाद इस्टीमेट भेज दिया जाएगा।

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