


जन सुनवाई से संतुष्ट नहीं, कहा- भ्रष्टाचारियों को बचाने का हो रहा प्रयास
दूबड़ सहकारी समिति में गबन, कर्ज में धांधली और किसानों के बीमा में अनियमितता के आरोपों पर कार्रवाई की मांग को लेकर 4 मार्च से आंदोलन कर रहे हैं किसान
देवभूमि टुडे
चंपावत/पाटी। 4 मार्च से टाक खंदक में आंदोलन कर रहे किसानों का आंदोलन कब खत्म होगा? ये सवाल अब अबूझ पहेली सरीखा हो गया है। किसान सरकारी रवैये से संतुष्ट नहीं हैं। आंदोलन स्थल पर उत्तराखंड किसान संगठन के संयोजक नरेंद्र उत्तराखंडी ने 20 अप्रैल को कहा कि 16 अप्रैल से 3 दिन तक चली जन सुनवाई के बाद भी पीड़ित किसानों को इंसाफ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
पाटी विकासखंड की दूबड़ सहकारी समिति में गबन, कर्ज में धांधली और किसानों के फसल बीमा में अनियमितता के
आरोपों पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसान 4 मार्च से आंदोलन कर रहे हैं। 14 अप्रैल को डीएम नवनीत पांडे से वार्त्ता के बाद समाधान के प्रयास हुए, लेकिन किसान जन सुनवाई से बहुत संतुष्ट नहीं हैं। आंदोलनकारियों ने कहा कि अन्नादाताओं के साथ होने वाली नाइंसाफी के विरोध में मुख्यमंत्री के आगामी क्षेत्रीय भ्रमण का किसान विरोध करेंगे। साथ ही 22 अप्रैल के बाद सरकारी तंत्र को बिच्छू घास लगाकर विरोध करेंगे। धरना स्थल में त्रिभुवन सकलानी, खष्टी बल्लभ सकलानी, त्रिलोचन, हरीश सकलानी, भगवान सिंह बोहरा, केशवदत्त भट्ट, मनोज, भुवन राम, काशी राम, दीवान राम, विक्रम राम, श्याम राम आदि ने प्रदर्शन किया। रेखा देवी के नेतृत्व में निर्मला मथेला, पुष्पा भट्ट, तपेश्वरी देवी, शांति देवी, मुन्नी देवी, माया देवी, बची देवी आदि ने धरने को समर्थन दिया।



