


97 वर्षीय पूर्व फौजी नारायण सिंह के निधन पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक जताया
देवभूमि टुडे
चंपावत। दो जंग लड़ने वाले पूर्व सैनिक नारायण सिंह कार्की नहीं रहे। बुजुर्ग पूर्व फौजी पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। वे अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार स्थानीय शमशान घाट में किया गया। चिता को मुखाग्नि उनके पुत्रों भुवन सिंह कार्की, भरत सिंह कार्की और देव सिंह कार्की ने दी। निधन पर सैनिक संगठनों के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक जताया है। 1962 में चीन युद्ध और 1965 में पाकिस्तान से हुए जंग में बहादुरी से लड़ने वाले पूर्व सैनिक नारायण सिंह कार्की (97) का निधन हो गया। चंपावत के पास के खर्ककार्की निवासी नारायण सिंह कार्की ने 12 अप्रैल को अंतिम सांस ली। नारायण सिह ने नौ कुमाऊं से रिटायर होने के बाद सैनिक कल्याण विभाग में भी सेवाएं दी। उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख बहादुर सिंह फर्त्याल, राज्य आंदोलाकारी हरगोविंद बोहरा, भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंद सामत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पुरु कठायत आदि ने शोक जताया है।


