


चंपावत में प्रकाश पांडेय के आवास में होल्यारों ने देर रात तक जमाया बैठकी होली का रंग
देवभूमि टुडे
चंपावत। खड़ी होली के साथ ही चंपावत में बैठकी होली की धूम भी मची है। बैठकी होली का चंपावत खड़ी बाजार में कलश संगीत कला समिति ने कारोबारी प्रकाश पांडेय के आवास में आयोजित बैठकी होली का श्रीगणेश समिति के संरक्षक एनडी गडकोटी ने दीप प्रज्वलित कर किया। दिनेश बिष्ट के इस होली गीत-‘राग श्याम कल्याण में बहुत दिन के रूठे श्याम को होली में मना लाऊंगी’..से होली गायन का आगाज हुआ। गिरीश पंत ने राग काफी में ‘गाओ सुहागन होली, बरस की घड़ी अलबेली’…का गायन किया। तुलसी दत्त जोशी ने राग काफी में – ‘कल रात मोको नींद, बालम कहां रैन बिताई’…की प्रस्तुति दी। महेश जोशी ने राग काफी दीपचंदी में-‘होरी कनक भवन में खेलत सिया रघुवीर’ प्रकाश पांडेय ने राग खम्माच में- ‘कैसे चलूं मन रोके कन्हैया के बीच डगर बिच’, संगीतज्ञ संजय जोशी ने राग सहाना में-‘संग की सहेली सब दूर निकस गई, ना रोको मोरी भरी रे गगरियां’.. होली पेश की। हिमेश कलखुड़िया ने राग मालकोष में ‘ना छुओ मोरी नरम कलाई, जाओ जहां रतिया बिताई’…का गायन किया। शांति जोशी ने दादरा ठूमरी में-‘नथ बेसर सय्यां मोहे लादे रे’, धर्मवीर ने ‘मेरे बांके बिहारी लाल, ना डालो इतना रंग गुलाल’ और बाल कलाकार आयुष भट्ट ने राग होली रसिया में ‘सैय्यां होली में लादो गुलाल’.. होली गीत पेश किया। बाल कलाकार मानस पंत, अंकित जोशी के साथ ही आशुतोष भट्ट, दिनेश बिष्ट, शांति जोशी ने तबले में संगत दी। कुमाऊंनी बैठकी होली की महफिल में सरोज पांडेय, मुन्नी पांडय, माया उप्रेती, सविता बोहरा, अक्षिता पांडेय, अंकित पांडेय, डॉ. संतोष पांडेय, सोनू खर्कवाल, विनोद उप्रेती, रोहित खर्कवाल, अभिषेक पांडेय, शेलेश कलखुड़िया आदि ने होली राग एंव फाग का लुत्फ उठाया।




