
नेपाल सीमा से लगे लोहाघाट विकासखंड के पासम ग्राम पंचायत के सैला तोक में हुआ हादसा
9 साल की मासूम की दर्दनाक मौत, 10 साल के घायल का चल रहा इलाज
ग्रामीणों ने इस वाकये के लिए वन विभाग की लापरवाही को कसूरवार ठहराया, विभाग का इनकार
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। नेपाल सीमा से लगे लोहाघाट ब्लॉक के एक दूरस्थ गांव में लकड़ी के गिल्टे की चपेट में आने से 9 साल के एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना में एक अन्य बच्चा जख्मी हुआ है। घायल बच्चे को लोहाघाट उप जिला अस्पताल ले जाया गया। इस वाकये से परिवार में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने इस वाकये के लिए वन विभाग की लापरवाही को कसूरवार ठहराया है। कहा कि सड़क किनारे रखे गिल्टों में से एक के लुढ़कने से ये दुर्घटना हुई।
पासम ग्राम पंचायत के प्रशासक चंद्रकांत तिवारी के मुताबिक बुधवार शाम पासम के सैला तोक में दो बच्चे अपने घर के पास खेल रहे थे, तभी सड़क किनारे काट कर रखे गए लकड़ी के गिल्टे लुढ़के और उनके ऊपर जा गिरे। जिससे एक बच्चे ने मौके पर दम तोड़ दिया। जबकि दूसरा बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। सैला तोक में सड़क किनारे वन विभाग द्वारा कुछ दिनों पूर्व काटी गए लकड़ी के गिल्टे की चपेट में आने से नितेश चंद (9) पुत्र नारायण चंद की मौके पर मौत हो गई। मृतक बच्चे के पिता पंजाब में नौकरी करते हैं। वहींं मनोज चंद (10) पुत्र हयात चंद गंभीर रूप से घायल हो गया। आननफानन में ग्रामीण घायल बच्चे को लोहाघाट उप जिला अस्पताल लाए। डॉ. दीक्षा ने बताया घायल बच्चे की कमर में गंभीर चोटे आई है। प्राथमिक इलाज के बाद बच्चे को हायर सेंटर रेफर किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी देवेश चौहान ने कहा कि घायल बच्चे को बेहतर इलाज दिया जा रहा है।
ग्रामीणों ने दुर्घटना के लिए वन विभाग को कसूरवार बताया है। उनका कहना है कि बीते दिनों हुई बारिश से सड़क पर गिरे पेड़ को वन विभाग ने काटकर सड़क के किनारे रख दिया था। इनमें से कुछ गिल्टे आज बुधवार को मिट्टी धंसने से अचानक बच्चों के ऊपर जा गिरे, जिससे ये हादसा हुआ। लोहाघाट के वन क्षेत्राधिकारी दीप जोशी ने कहा कि हादसे के लिए वन विभाग जिम्मेदार नहीं है। ग्राम पंचायत प्रशासक मोहन सिंह, आनंद सिंह, गिरीश सिंह, हेम चंद सहित कई ग्रामीण अस्पताल में मौजूद थे। ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।



