
ढाई साल से लटकी सड़क के समरेखन के बाद वन अनापत्ति प्रक्रिया शुरू होगी
चंपावत-ढकना-मौरलेख-मल्ला धामीसौन-खेतीखान तक 17 किमी लंबी है 1.59 करोड़ रुपये से बनने वाली सड़क
देवभूमि टुडे
चंपावत। सीडीके (चंपावत से ढकना-मौरलेख-मल्ला धामीसौन होते हुए खेतीखान) सड़क की बड़ी बाधा आखिरकार दूर कर ली गई है। समरेखन विवाद की वजह से इस सड़क का काम लटक गया था। करीब ढाई साल से समरेखन को लेकर फंसा पेच आज 4 मार्च को दूर हो गया है। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के नोडल अधिकारी केदार सिंह बृजवाल और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता दीप चंद्र कांडपाल की मौजूदगी में ग्रामीणों से हुई वार्ता के बाद समरेखन को लेकर आपत्ति दूर कर ली गई। अब सड़क के समरेखन के लिए आम सहमति बन गई है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काली कुमाऊं के शेर पंडित हर्षदेव ओली से ताल्लुक रखने वाले खेतीखान के लिए चंपावत से कई गांवों के बीच से 17 किलोमीटर लंबी सड़क बननी थी। सीडीके सड़क के लिए राज्य योजना से वर्ष 2022 में 1.59 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। सर्वेक्षण के बाद समरेखन प्रस्ताव का अनुमोदन भी हुआ था, लेकिन खर्क के पास किलोमीटर 13 और 14 में समरेखन को लेकर कुछ ग्रामीणों की आपत्तियों से मामला लटक गया था। अलबत्ता आज मंगलवार को समरेखन की अनापत्ति दूर कर ली गई है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र पलड़िया ने बताया कि अब सड़क का समरेखन किया जाएगा। समरेखन के बाद पेड़ों की गिनती, क्षतिपूरक राशि व वन अनापत्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सहमति बैठक के दौरान लोनिवि के अधिकारियों के अलावा चंपावत विकास संघर्षं समिति के बसंत तड़ागी, ढकना ग्राम पंचायत के प्रशासक विनोद चौधरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुकेश महराना, भाजपा जिला उपाध्यक्ष कैलाश अधिकारी, अंबादत्त फुलारा, कपिल खर्कवाल, पूर्व ग्राम प्रधान योगेश खर्कवाल, हेम खर्कवाल, दीपक खर्कवाल, किशोर खर्कवाल, वन पंचायत संगठन के जिलाध्यक्ष दान सिंह कठायत, दिलीप सिंह कठायत, महेश सिंह, मोहन सिंह, जगदीश चंद्र जोशी, केशव राम, कमल सिंह, नवीन जोशी, महेश सिंह, राम सिंह, दीपक चंद्र, अमित खर्कवाल, अशोक खर्कवाल, मनोज सिंह, गोविंद सिंह, दिनेश खर्कवाल, भगवान सिंह आदि ग्रामीण मौजूद थे। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की राह प्रशस्त होने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।
सड़क एक लाभ अनेक:
चंपावत। चंपावत से खेतीखान पहुंचने के लिए फिलहाल दो सड़कें हैं। ललुवापानी होते हुए 31 किमी और लोहाघाट होते हुए 29 किमी दूर खेतीखान पहुंचा जा सकता है। लेकिन इस नई सड़क के बनने से ये फासला सिर्फ 17 किलोमीटर रह जाएगा। यह सड़क दूरी को घटाने के साथ ही ऐतिहासिक एकहथिया नौला, चंडालकोट के किले तक सैलानियों की पहुंच भी आसान करेगा। साथ ही तीन (बेलटाक, धामीसौन, खलकंडिया) गांव भी सड़क से जुड़ेंगे। खेतीखान क्षेत्र के लोगों की जिला मुख्यालय तक पहुंच भी आसान हो जाएगी।



