


चंपावत जिले के सिन्याड़ी में तकनीकी टीम ने सोमवार को किया निरीक्षण
तकनीकी मुआयने के बाद शासन से जारी होगा उत्पादन का लाइसेंस: DEO RL SHAH
फलों से निर्मित होने वाली वाइन की फैक्टरी से किसानों के उत्पादों को होगा लाभ
देवभूमि टुडे
चंपावत। उत्तराखंड की पहली वाइन फैक्टरी चंपावत जिले में जल्द उत्पादन करने लगेगी। तकनीकी टीम ने आज 3 मार्च को वाइन फैक्टरी का मुआयना किया। फैक्टरी के भवन और उपकरणों का निरीक्षण के बाद टीम संतुष्ट रही। चंपावत के जिला आबकारी अधिकारी आरएल साह ने बताया कि तकनीकी टीम की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। तकनीकी मुआयने के बाद शासन से उत्पादन का लाइसेंस जारी होगा। इसके बाद चंपावत के सिन्याड़ी की वाइन फैक्टरी में उत्पादन शुरू हो जाएगा।
सिटरस, नाशपाती, अंगूर सहित कई फलों की चंपावत जिले के पहाड़ी हिस्सों में बहुतायत पैदावार होती है। 2015 में चंपावत से 45 किमी दूर टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे सिन्याड़ी गांव में बनी निजी क्षेत्र की वाइन फैक्टरी के भवन और उपकरण लगाने के बाद गठित तकनीकी टीम ने सोमवार को मुआयना किया। तकनीकी टीम में डीईओ साह के अलावा टनकपुर के आबकारी निरीक्षक सोनू सिंह और मुख्यालय के तकनीकी अधिकारी भी शामिल थे। फैक्टरी के लिए आधारभूत ढांचा, कच्चा माल और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। शासन से उत्पादन लाइसेंस मिलने के बाद वाइन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। वाइन उत्पादन की एक हजार केएल हो सकेगी। फलों से निर्मित होने वाली वाइन में 11 से 13 प्रतिशत अल्कोहल होता है।
इस फैक्टरी के संचालन से पहाड़ में फलों की खेती बढऩे के साथ किसानों को भी अच्छे दाम मिलेंगे। अंगूर, नाशपाती, सेब और सिटरस फल उत्पादकों को बाजार मिलने से बेहतर दाम मिलने से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की कारोबारी गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को भी रोजगार के मौके मिलेंगे।





