सुलह के बाद पहली बार शारदा नदी से शुरू हुई खनन निकासी

3 फरवरी को 482 वाहनों ने खनन निकासी की
खनन निकासी का लक्ष्य 80 हजार से बढ़कर 2.13 लाख घन मीटर हुआ


देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। टनकपुर में 28 जनवरी से शुरू हड़ताल के 1 फरवरी को खत्म होने के बाद आज 3 फरवरी को पहली बार शारदा नदी के डाउनस्ट्रीम से खनन निकासी फिर से शुरू हुई। 482 ट्रक खनन निकासी कार्य में लगे हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगोंं की रोजी-रोटी के साथ क्षेत्र में चहलपहल भी बढ़ गई है। इधर खनन प्रभारी मदन सिंह राणा के मुताबिक IISWC (भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान) की टीम ने खनन निकासी का लक्ष्य 80 हजार से बढ़ाकर 2.13 लाख घन मीटर कर दिया है।
शारदा नदी में 20 जनवरी से खनन कार्य शुरू किया गया था, लेकिन 8 दिन बाद ही रेट को लेकर खनन कारोबारियों और क्रशर स्वामियों के बीच तकरार शुरू हो गई थी। 4 दिन के धरना प्रदर्शन के बाद 1 फरवरी को क्रशर स्वामियों ने 53 के बजाय 55 रुपये क्विंटल की दर से खनन सामग्री लेने पर सहमति जताई थी। जिसके बाद खनन कारोबारियों ने सोमवार से खनन शुरू करने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के अनुरूप 3 फरवरी की सुबह से ही खनन कार्य शुरू हो गया। खनन के लिए पंजीककृत 530 वाहनों में से 482 ट्रक व अन्य वाहनों ने एक-एक चक्कर खनन सामग्री ढोई। खनन शुरू होने के बाद से ही कई प्रकार के अवरोध आने से इस बार शारदा से खनिज निकासी की रफ्तार काफी सुस्त है। अब तक सिर्फ 15 हजार घन मीटर की ही निकासी हो पाई है। वन निगम ने इस बार कालाझाला कांटे को हटा दिया है। अब केवल 3 कांटों से ही निकासी हो रही है। एक कांटे में खाली वाहनों का वजन मापा जा रहा है और दो कांटों में भारवाहक वाहनों की माप हो रही है।

प्रतीकात्मक फोटो।
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