सीमांत के लोगों के अलावा नेपाल सीमा के लोगों ने भी पूजन किया
देवभूमि टुडे
चंपावत/पंचेश्वर। मकर संक्रति के पर्व पर जिले की नेपाल सीमा से लगे पंचेश्वर धाम में हजारों लोगों पहुंचे। मेले में नेपाल, चंपावत, लोहाघाट और पिथौरागढ़ से श्रद्धालुओं ने सरयू और काली के संगम पर आस्था की डुबकी लगाई।
मंगलवार को पंचेश्वर धाम के चमू देवता मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिर में पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांगी। मान्यता है कि सच्चे मन से चौखाम बाबा मंदिर आने वाले श्रद्धालु की हर मनौती पूरी होती है। प्राचीन समय से लोगों की चमू बाबा के प्रति अटूट आस्था रही है। मकर संक्रांति पर्व पर चंपावत और पिथौरागढ़ जिले के अलावा नेपाल के श्रद्धालुओं ने भी मंदिर में पूजा-अर्चना कर वर्षभर खुशहाली की कामना की। बड़ी संख्या में लोगों ने यज्ञोपवीत और मुंडन संस्कार करवाए। मेले में लगी दुकानों में लोगों ने खरीददारी भी की। इससे पूर्व सोमवार रातभर यहां रात्रि जागरण कर विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंची भजन मंडली की टीमों ने माता और भोले के भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
समिति के अध्यक्ष जोगा सिंह बिष्ट, मदन कलौनी, राकेश घटाल, सिकंदर बिष्ट, श्याम राम, दीपक बिष्ट, होशियार सिंह, देव सिंह, सूरज सिंह, श्याम पंत, खीमानंद सुतेड़ी, गणेश सिंह, शोबन सिंह, युगल धौनी ने सहयोग किया। इधर रामेश्वर में भी उत्तरायणी पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
ब्यानधुरा ऐड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं की रही भीड़
चंपावत/टनकपुर। उत्तरायणी में ब्यानधुरा के ऐड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। यहां रातभर अखंड जागरण हुआ। देवडांगरों ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। ब्यानधुरा मंदिर कमेटी अध्यक्ष पंडित शंकर जोशी ने बताया कि दो दिन गौरीकुंड, सेनापानी, कठौल, कलोनिया से लेकर पूरे मार्ग में ऐड़ी मंदिर जाने वाले लोगों की भीड़ उमड़ी रही। सोमवार रातभर अखंड जागरण किया गया। दैवीय समस्या और संतान प्राप्ति के लिए कई जगहों से आकर महिलाएं यहां पर रात्रि जागरण में हिस्सा लेती हैं। मंगलवार सुबह स्नान कर ब्यानधुरा बाबा के दर्शन कर घर भक्त घर को लौटे।