तेंदुए का हमला…साथियों के साथ लकड़ी बीनने गया युवक जख्मी, क्षेत्र में खौफ

राइकोट बुंगा का युवक प्राथमिक इलाज के बाद उप जिला अस्पताल से चंपावत जिला अस्पताल रेफर
वन विभाग कर रहा एहतियाती उपाय, डीएफओ और एसडीओ ने अस्पताल जाकर घायल का हालचाल जाना
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। लोहाघाट क्षेत्र के राइकोट बुंगा गांव में एक तेंदुए ने हमला कर एक युवक को जख्मी कर दिया। घायल शख्स को लोहाघाट के उप जिला अस्पताल में प्राथमिक इलाज देने के बाद चंपावत जिला अस्पताल रेफर किया गया। चंपावत के प्रभागीय वनाधिकारी नवीन चंद्र पंत ओर उप प्रभागीय वनाधिकारी नेहा सौन ने अस्पताल में घायल युवक का हालचाल जाना। वन अधिकारियों ने राइकोट बुंगा क्षेत्र में तेंदुए के पिछले कुछ समय से हो रहे हमलों को एहतियाती उपाय उठाए हैं।
17 दिसंबर की अपरान्ह करीब 3 बजे 8 युवक राइकोट बुंगा के पास कालापानी के जंगलों में लकड़ी बीनने गए थे। इसी दौरान घात लगाकर बैठे तेंदुए ने एक युवक विजय सिंह (34) पुत्र प्रहलाद सिंह, निवासी राइकोट बुंगा पर हमला कर दिया। हमले में उनके हाथ, पांव सहित शरीर के कई हिस्से बुरी तरह लहूलुहान हो गए। साथी युवकों के शोर मचाने पर तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। आननफानन में जख्मी युवक को लोहाघाट उप जिला अस्पताल ले जाया गया। चिकित्साधीक्षक डॉ. सोनाली मंडल ने बताया कि घायल युवक के शरीर पर कई जगह गहरे घाव बने हैं। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। डीएफओ नवीन चंद्र पंत और एसडीओ नेहा सौन ने विभागीय अधिकारियों के साथ जिला अस्पताल पहुंचकर घायल युवक का हाल जाना। चिकित्सकों से बातचीत करने के बाद वन अधिकारियों ने बताया कि युवक की हालत खतरे से बाहर है।
ग्रामीण गिरीश कुंवर, रमेश कुंवर, विजय कुंवर, प्रदीप कुंवर आदि का कहना है कि करीब 3 महीने पहले तेंदुए ने 3 साल के एक बच्चे पर भी हमला किया था। इस घटना से राइकोट, पाटन, सुंई और आसपास के क्षेत्रों में फिर से दहशत पैदा हो गई है। इन इलाकों में आबादी वाले इलाकों में अक्सर तेंदुए दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों ने गश्त बढ़ाने सहित तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं वन क्षेत्राधिकारी दीप जोशी ने बताया कि तेंदुआ काफी समय से इन क्षेत्रों में दिख रहा है। उन्होंने लोगों से जंगलों में न जाने और सुबह और शाम सावधानी बरतने की अपील की है। उप प्रभागीय वनाधिकारी नेहा सौन ने बताया कि तेंदुए के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप लगाया जा रहा है। साथ ही पिंजरे के अलावा वन विभाग की गश्त बढ़ाई जा रही है।

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