जीप की छत पर बांध बहन ने बेरीनाग पहुंचाया शव…एंबुलेंस के लिए नहीं थे रुपये

जहरीला पदार्थ खाने से बेरीनाग के युवक की हल्द्वानी में हुई थी मौत, परिवार में मातम
देवभूमि टुडे
हल्द्वानी/बेरीनाग। हल्द्वानी की एक निजी कंपनी में काम करने वाले एक युवक की विषैला पदार्थ गटकने से मौत हो गई। युवक के साथ ही उसकी बहन भी काम करती है। भाई के शव को एंबुलेंस से गांव तक ले जाने के लिए रुपये नहीं थे, तो बहन जीप की छत पर शव बांधकर ले गई।
तमोली ग्वीर बेरीनाग (पिथौरागढ़) की शिवानी हल्द्वानी में काम करने आई। वह हल्दूचौड़ में एक कंपनी में 6 महीने से काम कर रही थी। घर में माता-पिता, एक भाई और एक बहन हैं। पिता बुजुर्ग होने के कारण पहाड़ में ही खेती करते हैं। उसने अपने भाई अभिषेक कुमार (20) पुत्र गोविंद प्रसाद को भी कंपनी में काम करने बुला लिया। 2 महीने पहले ही अभिषेक हल्दूचौड़ पहुंचा। शिवानी हल्दूचौड़ में ही किराए के कमरे में रहती थी। 6 दिसंबर सुबह दोनों भाई-बहन काम करने गए। एक घंटा काम करने के बाद अभिषेक ने सिर में दर्द होने की वजह से कंपनी से छुट्टी ली और घर गया। इसके बाद उसकी बहन ने उसे कई बार कॉल किया। लेकिन अभिषेक ने कॉल नहीं उठाई। दिन में खाना खाने के समय शिवानी घर गई, तो वहां दवाई की बदबू आ रही थी। लेकिन घर में कोई नहीं था।
करीब ढाई बजे पुलिस ने शिवानी को सूचना दी कि उसका भाई रेलवे पटरी के पास बेसुध गिरा है। पुलिस की मदद से अभिषेक को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया। जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद रिश्तेदार भी बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंच गए। 7 दिसंबर को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा। लेकिन शिवानी के पास इतनी रकम नहीं थी कि वह शव को एंबुलेंस में घर ले जा सके। एंबुलेंस से बेरीनाग तक ले जाने के लिए 10 से 12 हजार रुपये चाहिए थे। अपने गांव के टैक्सी मालिक से संपर्क कर शिवानी शव को जीप की छत पर बांधकर बेरीनाग पहुंचाया गया। अभिषेक घर का इकलौता बेटा था। उसकी दो बहनें हैं। इस वारदात से माता-पिता सहित परिवार के अन्य लोग बुरी तरह सदमे में हैं।

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