लोहाघाट में हुई बैठक में भू-कानून को लेकर नागरिकों की राय
नए भू-कानून से हो उत्तराखंड के लोगों का हित, बाहरी लोगों को खेती, बागवानी के नाम पर न दी जाए जमीन
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। उत्तराखंड में भी हिमाचल की तर्ज पर न केवल सख्त भू कानून बने, बल्कि उसका कड़ाई से पालन भी हो। सरकार अगर समय से भू-कानून बना देती, तो उत्तराखंड के बाहर के लोगों द्वारा यहां की जमीनों को औने-पौने दामों पर नहीं खरीदा जाता। पहाड़ के लोगों को रोजगार नही मिलने से पलायन हो रहा है। ये दलीलें एसडीएम रिंकू बिष्ट की अध्यक्षता और तहसीलदार जगदीश नेगी के संचालन में 28 नवंबर को लोहाघाट नगर पालिका सभागार में भू-कानून को लेकर हुई बैठक में जन प्रतिनिधियों, व्यापारियों, कानून के जानकारों और आम लोगों ने दी।
भू-कानून बनाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ऐसा कानून बने, जिससे उत्तराखंडवासियों का हित हो। कहा कि अब तक बाहरी व्यक्तियों को भूमि खरीदने की छूट देने से लोग अपने सगे संबंधियों के नाम पर बड़ी मात्रा में जमीनें खरीद रहे हैं। लोगों ने बाहरी लोगों को जमीन बेचने वालों पर भी कार्रवाई करने की मांग की। उद्योगों के लिए आवंटित भूमि पर लंबे समय तक उद्योग नहीं लगाए जाने पर जमीन को जब्त करने का सुझाव दिया गया। कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में लगने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार देने का कानून बनाया था, लेकिन उसका कहीं पालन नहीं हो रहा है। प्रदेश से 30 लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं। बाहरी लोगों को कृषि, बागवानी व धार्मिक परियोजना, आश्रम, मेडिटेशन सेंटर के लिए कतई भूमि नहीं खरीदने दी जाए। अगर कोई व्यक्ति अस्पताल, वैलनेस सेंटर के लिए जमीन चाहता है, तो उसमें स्वास्थ्य विभाग की निगरानी हो। उप जिलाधिकारी रिंकू बिष्ट ने कहा कि लोगों के सुझाव शासन तक पहुंचाए जाएंगे। कहा कि सरकार ने अब नया आदेश जारी कर नगर पालिका क्षेत्र में भी बाहरी लोगों के द्वारा जमीन खरीदने पर रोक लगा दी है। इसका पालन कराया जाएगा। एडवोकेट नवीन मुरारी, पूर्व चेयरमैन गोविंद वर्मा, भूपाल सिंह मेहता, व्यापार संघ अध्यक्ष मनीष जुकरिया, व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष भैरव राय, जिला शासकीय अधिवक्ता भास्कर मुरारी, बीडी ओली, रमेश उप्रेती, डॉ. अमर सिंह कोटियाल, दिनेश सुतेड़ी, अधिशासी अधिकारी सौरभ नेगी, हरीश गोस्वामी, खंड विकास अधिकारी अशोक अधिकारी, बंशीधर कलौनी, ललित खोलिया, गोविंद बल्लभ ओली, जितेंद्र शाह, राजकिशोर शाह आदि ने सुझाव दिए।